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मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड पर विधान परिषद में हंगामा, सदन में एकजुट नजर आया विपक्ष

बिहार विधान परिषद में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल मामले (Rabri Devi On Muzaffarpur Eye Hospital Case) में कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि आखिर स्वास्थ्य मंत्री कहां हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए...

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Published : Dec 2, 2021, 2:08 PM IST

पटनाः बिहार विधानमंडल में आज शीतकालीन सत्र का चौथा दिन (Bihar Legislature Winter Session) है. जहां सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड को लेकर विपक्ष एकजुट नजर आया. इस मामले को लेकर आरजेडी और कांग्रेस नेताओं ने विधान परिषद के पोर्टिको में जमकर प्रदर्शन (Opposition Protest in Bihar Legislative Council) किया.

ये भी पढ़ें : जातीय जनगणना पर तेजस्वी की नीतीश से मांग, 'इसी सत्र में निर्णय ले बिहार सरकार'

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने एक साथ इस मामले में सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए. परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही राजद और कांग्रेस ने एक साथ आई हॉस्पिटल मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही और कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की.

विधान परिषद में विपक्ष का हंगामा.

विपक्ष का आरोप है कि सरकार की तरफ से अब तक कोई वक्तव्य नहीं आया. इस पर सभापति ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. सदन की बातों से सरकार को अवगत करा दिया गया है. सभापति ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि सदन की बातों से सरकार को अवगत कराया गया है. पीड़ित परिवार को मदद करने की संपूर्ण कार्रवाई भी हो रही है.

कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद राबड़ी देवी सदन में खड़ी हुईं. उन्होंने कहा कि आखिर स्वास्थ्य मंत्री कहां हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि मुजफ्फरपुर मामले में क्या हो रहा है. राबड़ी देवी ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर बात है कि एक साथ 65 लोगों की आंखें खराब हो जाती हैं और 17 लोगों की आंख निकाल ली जाती है. सरकार दावा करती है कि हम गरीबों के लिए काम करते हैं. सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दे और हर पीड़ित को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: तेजस्वी ने पूछा- बिहार विधानसभा के अंदर शराब की बोतल कहां से आई?

वहीं, मंत्री जिवेश मिश्रा की गाड़ी रोके जाने को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस सरकार में अफसरशाही हावी है. मंत्री, विधायक और आम लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने भी आरोप लगाया कि अफसरों की मनमानी चलती है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि पिछले दो दिनों में सदन के अंदर शराबबंदी और भ्रष्टाचार से लेकर माननीयों के सम्मान तक पर लगातार सरकार की किरकिरी होती रही है. बीजेपी के विधायकों ने ही मंत्रियों को मुश्किल में डाला है. अभी तक विपक्ष कहीं से भी एकजुट नहीं दिख रहा था. लेकिन अब शेष बचे दो दिनों में महागठबंधन की एकजुटता की बात कही गई है. ऐसे में विपक्ष पूरी एकजुटता के साथ सरकार को घेरता नजर आ रहा है.

नोट: ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः बिहार विधानमंडल में आज शीतकालीन सत्र का चौथा दिन (Bihar Legislature Winter Session) है. जहां सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड को लेकर विपक्ष एकजुट नजर आया. इस मामले को लेकर आरजेडी और कांग्रेस नेताओं ने विधान परिषद के पोर्टिको में जमकर प्रदर्शन (Opposition Protest in Bihar Legislative Council) किया.

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पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने एक साथ इस मामले में सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए. परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही राजद और कांग्रेस ने एक साथ आई हॉस्पिटल मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही और कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की.

विधान परिषद में विपक्ष का हंगामा.

विपक्ष का आरोप है कि सरकार की तरफ से अब तक कोई वक्तव्य नहीं आया. इस पर सभापति ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. सदन की बातों से सरकार को अवगत करा दिया गया है. सभापति ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि सदन की बातों से सरकार को अवगत कराया गया है. पीड़ित परिवार को मदद करने की संपूर्ण कार्रवाई भी हो रही है.

कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद राबड़ी देवी सदन में खड़ी हुईं. उन्होंने कहा कि आखिर स्वास्थ्य मंत्री कहां हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि मुजफ्फरपुर मामले में क्या हो रहा है. राबड़ी देवी ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर बात है कि एक साथ 65 लोगों की आंखें खराब हो जाती हैं और 17 लोगों की आंख निकाल ली जाती है. सरकार दावा करती है कि हम गरीबों के लिए काम करते हैं. सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दे और हर पीड़ित को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.

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वहीं, मंत्री जिवेश मिश्रा की गाड़ी रोके जाने को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस सरकार में अफसरशाही हावी है. मंत्री, विधायक और आम लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने भी आरोप लगाया कि अफसरों की मनमानी चलती है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि पिछले दो दिनों में सदन के अंदर शराबबंदी और भ्रष्टाचार से लेकर माननीयों के सम्मान तक पर लगातार सरकार की किरकिरी होती रही है. बीजेपी के विधायकों ने ही मंत्रियों को मुश्किल में डाला है. अभी तक विपक्ष कहीं से भी एकजुट नहीं दिख रहा था. लेकिन अब शेष बचे दो दिनों में महागठबंधन की एकजुटता की बात कही गई है. ऐसे में विपक्ष पूरी एकजुटता के साथ सरकार को घेरता नजर आ रहा है.

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