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राज्यपाल नहीं CM नीतीश होंगे इन 3 विश्वविद्यालयों के चांसलर, विपक्ष ने उठाए सवाल

बिहार में 3 नए विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है. जिसका चांसलर राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. प्रस्ताव पहले कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब विधानसभा से भी पारित हो गया है. इस फैसले को लेकर विपक्ष को जहां ऐतराज है. वहीं बीजेपी ने विपक्षी दलों को आईना दिखाया है. पढ़ें रिपोर्ट...

CM नीतीश
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Published : Jul 27, 2021, 6:58 PM IST

पटना: बिहार में तीन नए विश्वविद्यालयों का चांसलर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) होंगे, इसका रास्ता साफ हो गया है. विधानसभा से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. बुधवार को विधान परिषद में भी इस विधेयक पर चर्चा होगी. जिसके बाद साफ हो जाएगा कि राज्य के 3 नए विश्वविद्यालय के चांसलर सीएम होंगे. सरकार द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. हालांकि सत्ता पक्ष ने इसे सही बताया है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा से पास हुआ खेल विधेयक, श्रेयसी सिंह ने कहा- खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ

आरजेडी के विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का चांसलर राज्यपाल होते हैं. नीतीश कुमार का यह फैसला उनकी अदूरदर्शिता कही जाएगी. पूरे देश में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का चांसलर भी राष्ट्रपति होते हैं. देश में एक मात्र शांति निकेतन विश्वविद्यालय है, जिसका चांसलर प्रधानमंत्री होते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री का जो यह फैसला हुआ है, इससे बिहार की आम जनता प्रभावित होगी. साथ ही छात्र भी प्रभावित होंगे.

देखें रिपोर्ट

चंद्रवंशी ने कहा कि भले ही बिल को विधानसभा में पारित कर दिया गया है, लेकिन विधान परिषद में इस प्रस्ताव का हम लोग विरोध करेंगे. उन्होंने ने कहा है कि राज्यपाल के अधिकारों में सीएम नीतीश कुमार कटौती करना चाहते हैं. इसलिए अब 3 नए विश्वविद्यालय का चांसलर बनने का फैसला लिया है.

वहीं, सरकार द्वारा लाए गए इस विधायक को लेकर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब सीएम नीतीश कुमार विश्वविद्यालयों के भी चांसलर खुद बनना चाहते हैं, जोकि समझ से परे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक तो परंपरा यही रही है कि विश्वविद्यालय के चांसलर राज्यपाल ही होते हैं, लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. वो खुद बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने कैबिनेट से मंजूरी दिलवाकर विधानसभा से पारित करवाया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के संचालन से कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं. वे सीधे राज्यपाल की कार्यशैली पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते, इसलिए वह अब खुद ही चांसलर बनने जा रहे हैं. राज्यपाल के अधिकारों में कटौती को लेकर प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अब तो केंद्र सरकार और बीजेपी को सोचना चाहिए कि राज्य सरकार किस तरह से कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी ने शिक्षा पर सरकार को घेरा, कहा- कोरोना का रोना कब तक रोइएगा?

हालांकि विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने ही तीन विश्वविद्यालय खोले हैं. जब राज्य सरकार ही इंजीनियरिंग, मेडिकल और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का संचालन करेगी तो सीएम के चांसलर बनने पर आपत्ति किस बात की. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को यह पता नहीं है कि जो विश्वविद्यालय का संचालन राज्य सरकार करती है तो उस विश्वविद्यालय का चांसलर राज्य के मुख्यमंत्री ही होते हैं.

आपको बताएं कि राज्य सरकार ने बिहार में 3 नए विश्वविद्यालय मेडिकल विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया है. जिसकी मंजूरी कैबिनेट से भी मिल गई है. अब विधान सभा से भी इस विधेयक को मंजूरी मिल गई है. बुधवार को इस बिल को विधान परिषद के पटल पर रखा जाएगा. चर्चा के बाद कानूनी रूप से राज्य के मुख्यमंत्री इन तीनों विश्वविद्यालयों के चांसलर बनेंगे.

पटना: बिहार में तीन नए विश्वविद्यालयों का चांसलर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) होंगे, इसका रास्ता साफ हो गया है. विधानसभा से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. बुधवार को विधान परिषद में भी इस विधेयक पर चर्चा होगी. जिसके बाद साफ हो जाएगा कि राज्य के 3 नए विश्वविद्यालय के चांसलर सीएम होंगे. सरकार द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. हालांकि सत्ता पक्ष ने इसे सही बताया है.

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आरजेडी के विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का चांसलर राज्यपाल होते हैं. नीतीश कुमार का यह फैसला उनकी अदूरदर्शिता कही जाएगी. पूरे देश में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का चांसलर भी राष्ट्रपति होते हैं. देश में एक मात्र शांति निकेतन विश्वविद्यालय है, जिसका चांसलर प्रधानमंत्री होते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री का जो यह फैसला हुआ है, इससे बिहार की आम जनता प्रभावित होगी. साथ ही छात्र भी प्रभावित होंगे.

देखें रिपोर्ट

चंद्रवंशी ने कहा कि भले ही बिल को विधानसभा में पारित कर दिया गया है, लेकिन विधान परिषद में इस प्रस्ताव का हम लोग विरोध करेंगे. उन्होंने ने कहा है कि राज्यपाल के अधिकारों में सीएम नीतीश कुमार कटौती करना चाहते हैं. इसलिए अब 3 नए विश्वविद्यालय का चांसलर बनने का फैसला लिया है.

वहीं, सरकार द्वारा लाए गए इस विधायक को लेकर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब सीएम नीतीश कुमार विश्वविद्यालयों के भी चांसलर खुद बनना चाहते हैं, जोकि समझ से परे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक तो परंपरा यही रही है कि विश्वविद्यालय के चांसलर राज्यपाल ही होते हैं, लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. वो खुद बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने कैबिनेट से मंजूरी दिलवाकर विधानसभा से पारित करवाया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के संचालन से कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं. वे सीधे राज्यपाल की कार्यशैली पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते, इसलिए वह अब खुद ही चांसलर बनने जा रहे हैं. राज्यपाल के अधिकारों में कटौती को लेकर प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि अब तो केंद्र सरकार और बीजेपी को सोचना चाहिए कि राज्य सरकार किस तरह से कार्य कर रही है.

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हालांकि विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने ही तीन विश्वविद्यालय खोले हैं. जब राज्य सरकार ही इंजीनियरिंग, मेडिकल और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का संचालन करेगी तो सीएम के चांसलर बनने पर आपत्ति किस बात की. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को यह पता नहीं है कि जो विश्वविद्यालय का संचालन राज्य सरकार करती है तो उस विश्वविद्यालय का चांसलर राज्य के मुख्यमंत्री ही होते हैं.

आपको बताएं कि राज्य सरकार ने बिहार में 3 नए विश्वविद्यालय मेडिकल विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया है. जिसकी मंजूरी कैबिनेट से भी मिल गई है. अब विधान सभा से भी इस विधेयक को मंजूरी मिल गई है. बुधवार को इस बिल को विधान परिषद के पटल पर रखा जाएगा. चर्चा के बाद कानूनी रूप से राज्य के मुख्यमंत्री इन तीनों विश्वविद्यालयों के चांसलर बनेंगे.

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