पटना: बिहार में बढ़ते क्राइम की घटनाओं पर विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार समय-समय पर समीक्षा बैठक करती है. इसके बावजूद अपराध का ग्राफ घटने का नाम नहीं ले रहा. महागठबंधन के घटक दल राजद, हम और कांग्रेस का कहना है कि अपराध रोकना सरकार के बश के बाहर है.
जेडीयू के नारे- 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' पर राजद विधायक रामानुज प्रसाद ने व्यंग किया. राजद विधायक ने सीएम की आलोचना करते हुए कहा कि आज बिहार में हर तरफ चित्कार है, हाहाकार है लेकिन नीतश कुमार की जगह कुर्सी कुमार है.
'पुलिस पदाधिकारी नहीं मानते सीएम की बात'
बिहार में हर जगह अपराध का बोलबाला है. बिहार क्राइम से जूझ रहा है. यहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची. डीजीपी क्राइम रोकने में विफल साबित हो रहे हैं. वर्तमान सरकार सिर्फ सत्ता का सुख भोग रही है. नीतीश कुमार हर मोर्चे पर फेल हो रहे हैं. सीएम अब सिद्धांतविहीन राजनीति कर रहे हैं. जिसके कारण पुलिस पदाधिकारी अनदेखी करते हैं.
'क्राइम कंट्रोल में नीतीश सरकार विफल'
हम के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश को क्राइम कंट्रोल करने में विफल बताया है. क्राइम पर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सीएम चाहे जितनी भी समीक्षा बैठक कर लें, उनसे क्राइम नियंत्रण नहीं होने वाला. एनडीए सरकार की सत्ता में वापसी के बाद बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. यहां दिन दहाड़े हत्या, रेप, चोरी, डकैती, मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं. हम प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी सीएम की बात नहीं सुनते. बिहार के पुलिस अधिकारी भाजपामय हो गए हैं.
'सरकार का प्रशासन पर से नियंत्रण खत्म'
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने नीतीश सरकार के अपराध समीक्षा पर तंज कसा. सीएम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम पुलिस पदाधिकारियों के साथ क्राइम पर हमेशा समीक्षा बैठक करते हैं. लेकिन बैठक के बाद ही मर्डर की घटना होती है. सरकार का प्रशासन पर से नियंत्रण खत्म होता जा रहा है. इसलिए अपराधी सरकार पर भारी है. प्रशासन अपराध रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. पुलिसकर्मी सिर्फ शराब पकड़ने में जुटे रहते हैं. जबकि क्राइम नियंत्रण और अपराधियों की गिरफ्तारी पर कोई ध्यान नहीं है.