पटना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज बुधवार को बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आ रही हैं. इस क्रम में वो बापू सभागार में बिहार चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023-28) का शुभारंभ करेंगी. इस कार्यक्रम मे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी को आमंत्रित नहीं किए जाने पर बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे विपक्ष के नेताओं को इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाना न केवल संविधान के खिलाफ है बल्कि लोकतंत्र का भी अपमान है.
बीजेपी ने कहा-सरकार की तानाशाही: बीजेपी ने कहा कि राष्ट्रपति का बिहार आगमन पर बीजेपी सहित तमाम बिहारी स्वागत करते हैं. बीजेपी की प्राथमिकता किसानों का विकास और कल्याण प्रारंभ से ही रहा है. बिहार बीजेपी भी चाहती है कि प्रदेश के किसान उन्नति करें. चतुर्थ कृषि रोड मैप की योजनाएं धरती पर सही ढंग से उतरे और किसानों का कल्याण हो सके. लोकतंत्र में विपक्ष की एक बड़ी भूमिका है ऐसे में इस कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं को नहीं आमंत्रित किया जाना सरकार की तानाशाही इरादे पर मुहर लगाती है.
"नीतीश संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देने से नहीं थकते, ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि क्या सरकारी कार्यक्रम में जिस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भाग ले रही हैं, उसमे सदन के नेता प्रतिपक्ष को नहीं बुलाया जाना कहां तक लोकतंत्र की मर्यादा है?"-मनोज शर्मा, बीजेपी के प्रवक्ता
विजय सिन्हा ने पत्र लिखकर की शिकायत: शर्मा ने आगे कहा कि आरजेडी की संगत का प्रभाव है कि नीतीश कुमार का भी अब संवैधानिक संस्थाओं और पदों पर विश्वास नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि आरजेडी को तो पहले से ही लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं है. आरजेडी पहले से ही लाठीतंत्र पर विश्वास करती है. यह बिहार की जनता भी जानती है. उन्होंने बताया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने इस मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को आज पत्र लिखकर शिकायत भी की है.