पटनाः बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है. चुनाव की तैयारी काफी जोर शोर से चल रही है. सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में लगे हैं. लेकिन राजद की राजनीति को समझना इन दिनों बिहार में बेहद ही मुश्किल हो गया है.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि फिलहाल बिहार में चुनाव ना हो तो ज्यादा बेहतर है. वहीं, दूसरी तरफ पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि सभी पार्टियों को चुनाव प्रचार का एक समान अवसर मिले.
विपक्ष ने चुनाव आयोग को सौंपा मांग पत्र
इस मांग को लेकर विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग को अपना एक मांग पत्र सौंपा है. जिसमें राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने हस्ताक्षर किया है और चुनाव आयोग से मांग की है कि सभी पार्टियों को चुनाव प्रचार का एक समान अवसर मिले. जिसके बाद से यह समझ पाना काफी मुश्किल हो गया है कि आखिर राजद चाहती क्या है? क्योंकि कभी वह कहते हैं कि फिलहाल चुनाव ना हो तो बेहतर है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी व्यापक भागीदारी के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपती है.
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'सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं'
दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बयान दिया था कि सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं है. इसलिए वह लोग चुनाव की तैयारी और चुनाव समय पर करवाने में लगे हुए हैं. जिस तरीके से संक्रमण बढ़ रहा है अभी चुनाव ना हो तो ज्यादा बेहतर है. जब संक्रमण कम हो जाए तो चुनाव आराम से कराया जाए. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से चुनाव आयोग को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी दलों को व्यापक भागीदारी देने की मांग की है.