पटना: बिहार में 2 अक्टूबर 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू किए जाने के साथ ही सरकार ने ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया. ताड़ी को प्रतिबंधित किए जाने के बाद महागठबंधन के नेताओं ने सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि यह पासी समुदाय के लोगों के लिए अन्याय है.
हवा हवाई हुई नीरा योजना
विपक्ष के हमलों के बाद सरकार ने पासी समुदाय के लोगों को रोजगार देने के लिए नीरा बनाने का फैसला लिया और फैसले के मुताबिक यह कहा गया कि नीरा और जीविका के देखरेख में योजना को क्रियान्वित किया जाएगा. 2 साल से अधिक का वक्त बीत गया, लेकिन योजना हवा हवाई साबित हुई. ना पासी समुदाय के लोगों को रोजगार मिले ना लोगों के लिए नीरा सर्व सुलभ हुआ.
हम प्रवक्ता का सरकार पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पासी समुदाय के हितों के लिए लगातार आवाज उठाते रहे. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि सरकार सिर्फ घोषणा करती है, लेकिन उस पर अमल नहीं होता ना पासी समुदाय के लोगों को रोजगार मिले ना लोगों तक नीरा पहुंची.
बीजेपी का पलटवार
वहीं भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने हम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की मंशा सही थी और सही सोच के साथ सरकार योजना लाई थी भाजपा विधायक ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि राजधानी पटना में अगर कुछ स्टॉल नहीं खुल पा रहे हैं तो बिहार के अन्य हिस्सों में भी स्टॉल नहीं खुल रहे हैं