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गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश' - Liquor Ban In Bihar

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान का विरोध शुरू हो गया है. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ और शिक्षकों से जुड़े अन्य संगठनों ने भी सरकार से अविलंब अपना फरमान वापस लेने की मांग की है. शिक्षक संगठनों ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है और इसे वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी
गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी
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Published : Jan 29, 2022, 3:55 PM IST

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने जब से शराबबंदी को सफल बनाने और नशामुक्ति अभियान को गति देने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश जारी किया है, इसका जमकर विरोध हो रहा है. एक तरफ शिक्षक संगठन कह रहे हैं कि ये तुगलकी फरमान सरकार वापस ले नहीं तो आंदोलन करने को वो बाध्य होंगे. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसे लेकर दो टूक कह दिया है कि आदेश वापस नहीं होगा क्योंकि जिम्मेदारी सब की है. उन्होंने बताया कि पहले बिहार के नागरिकों को यह अपील की गई थी अब बिहार सरकार अगर अपने कर्मचारियों के जरिए यह अपील कर रही है तो इसमें गलत क्या है?

ये भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब


इधर, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई शिक्षक संघ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है. यह फरमान शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन करता है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान से लोगों में गलत संदेश जाएगा कि हम सरकार की मुखबिरी करते हैं. इसके गलत मायने निकाले जाएंगे और नतीजे गलत सामने आ सकते हैं.

शिक्षक संगठनों ने कहा कि इन सब बातों का ख्याल रखते हुए सरकार को यह फरमान वापस लेना चाहिए. आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में शिक्षक संघ ने चेतावनी देते हुए सरकार से कहा है कि वो आंदोलन करने के लिए मजबूर होगें. दूसरे शिक्षक संघ से जुड़े प्रदीप कुमार पप्पू और अश्विनी पांडे ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश बिल्कुल गलत है और अगर शिक्षा विभाग अपना यह फरमान वापस नहीं लेता है तो हम आंदोलन करेंगे.

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी (Bihar Education Department Notification) किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

जानकारी दें कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी छुपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.

यह भी पढ़ें- हकीकत-ए-शराबबंदीः हरियाणा से हाजीपुर जा रही 40 लाख की शराब बरामद, 3 तस्कर गिरफ्तार

इसे भी पढ़ें- बक्सर जहरीली शराब कांड मामले में छठी मौत, अस्पताल में भर्ती एक और शिक्षक ने तोड़ा दम

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पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने जब से शराबबंदी को सफल बनाने और नशामुक्ति अभियान को गति देने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश जारी किया है, इसका जमकर विरोध हो रहा है. एक तरफ शिक्षक संगठन कह रहे हैं कि ये तुगलकी फरमान सरकार वापस ले नहीं तो आंदोलन करने को वो बाध्य होंगे. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसे लेकर दो टूक कह दिया है कि आदेश वापस नहीं होगा क्योंकि जिम्मेदारी सब की है. उन्होंने बताया कि पहले बिहार के नागरिकों को यह अपील की गई थी अब बिहार सरकार अगर अपने कर्मचारियों के जरिए यह अपील कर रही है तो इसमें गलत क्या है?

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इधर, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई शिक्षक संघ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है. यह फरमान शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन करता है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान से लोगों में गलत संदेश जाएगा कि हम सरकार की मुखबिरी करते हैं. इसके गलत मायने निकाले जाएंगे और नतीजे गलत सामने आ सकते हैं.

शिक्षक संगठनों ने कहा कि इन सब बातों का ख्याल रखते हुए सरकार को यह फरमान वापस लेना चाहिए. आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में शिक्षक संघ ने चेतावनी देते हुए सरकार से कहा है कि वो आंदोलन करने के लिए मजबूर होगें. दूसरे शिक्षक संघ से जुड़े प्रदीप कुमार पप्पू और अश्विनी पांडे ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश बिल्कुल गलत है और अगर शिक्षा विभाग अपना यह फरमान वापस नहीं लेता है तो हम आंदोलन करेंगे.

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी (Bihar Education Department Notification) किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

जानकारी दें कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी छुपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.

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