पटना: पिछले दो दिन पहले भारत-चीन सीमा पर हुए झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद पूरे देश में पुरजोर तरीके से चीन का विरोध किया जा रहा है. घटना के बाद से ही लोग काफी आक्रोशित हैं. जगह-जगह चीन के प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया जा रहा है. साथ ही कई राजनीतिक दल चाइनीज वस्तुओं का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं. इसी क्रम में वाम दलों ने बैठक कर विचार-विमर्श किया. भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहां की यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. चीन की कायराना करतूत की वजह से भारत ने अपने वीर जवानों को खो दिया है.
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद नया नहीं है. दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सभी पड़ोसियों का धीरे-धीरे देश से मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जबकि पड़ोसी देशों के साथ मित्रता पूर्ण संबंध रहना चाहिए. सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय पूरा देश महामारी के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में किसी भी देश से युद्ध होने पर परेशानियां काफी बढ़ जाएंगी. इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से ही मामले को हल करना चाहिए. जिससे सीमा और देश में शांति बनी रहे.
'उद्योग और व्यापार से सीमा विवाद को ना जोड़ें लोग'
वहीं, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के बारे में उन्होंने कहा कि जो भी वस्तु आयात या निर्यात हो रहे हैं, वह दोनों देशों के व्यापार संबंध का विषय है. इस तरीके से किसी विशेष देश की वस्तुओं का विरोध करने से व्यापारिक संबंध खराब होगा, जिससे हमारे देश को भी नुकसान होगा. इसलिए लोग सीमा विवाद को उद्योग और व्यापार से ना जोड़ें. साथ ही एक बार फिर से दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सभी देशों से बातचीत द्वारा समस्याओं का समाधान करना चाहिए.