पटना: देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं. ऐसे में बिहार में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. कोरोना वायरस का म्यूटेशन चिकित्सा जगत के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. विशेषज्ञ आशंका जाहिर कर रहे हैं कि चौथी लहर कोरोना के नए XE वैरिएंट (Omicron Sub Variant XE Capable of Community Transmission) की वजह से आ सकता है. ऐसे में जानते हैं कि यह XE वैरिएंट है क्या? और बिहार में इसके कारण चौथी लहर की आशंका क्यों व्यक्त की जा रही है.
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स्टडी के बाद पता चलेगा नया वैरिएंट कितना खतरनाकः पटना के आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के साइंटिस्ट डॉ अभय कुमार ने बताया कि देश में कोरोना के दो नए वैरिएंट डिटेक्ट हुए हैं, जो तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल ही में नए वैरिएंट XE वैरिएंट का दिल्ली में पता चला है लेकिन इसकी संख्या अधिक नहीं मिली है. अधिकतर मामले BA.2.12 के ही मिले हैं. यह ओमीक्रोन का ही वैरिएंट है. ओमीक्रोन के दो सब वैरिएंट डिटेक्ट हुए हैं, जिसमें एक है BA.1 और दूसरा है BA.2 और अब एक और म्यूटेशन हो गया है, जिसका नाम है BA.2.12, इसका ग्रोथ एडवांटेज काफी अधिक है. इसलिए यह अधिक संक्रामक है, लेकिन खतरनाक कितना है, अभी तक इसकी स्टडी नहीं हुई है.
दो वायरस से हुआ है म्यूटेशनः डॉक्टर अभय कुमार ने बताया कि XE वेरिएंट के बिहार में अधिक फैलने की आशंका इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि इसका मदर वेरिएंट बिहार में पहले से मौजूद है. ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BA.1 और BA.2 से म्यूटेट होकर XE वेरिएंट बना है. संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान बिहार में ओमीक्रोन के दोनों सब वैरिएंट पाए गए थे, लेकिन बहुलता BA.2 की अधिक रही थी. XE वैरिएंट को रिकॉमिनेंट वायरस बायोलॉजी के टाइम में बोला जा रहा है. इसकी वजह है कि यह म्यूटेशन दो वायरस के मिलने के बाद हुआ है, यानी कि इसमें दोनों के लक्षण मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि XE वेरिएंट को लेकर यही कहा जा सकता है कि कोई व्यक्ति ओमीक्रोन के दोनों सब वैरिएंट (Sub Variant of Omicron) से इनफेक्टेड हुआ होगा. उसके बाद व्यक्ति के बॉडी में दोनों वैरिएंट आपस में रिकंबाइंड कर गए होंगे. उसके बाद यह म्यूटेशन तैयार हुआ होगा. उन्होंने बताया कि XE वैरिएंट का जो स्पाइक प्रोटीन है, वह BA.2 की तरह है और बाकी हिस्सा BA.1 की तरह है.
ओमीक्रोन से भी गई है जानः डॉ. अभय कुमार ने बताया कि ओमीक्रोन का नया सब वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में भी इसके संक्रमण का प्रसार तेज है. अभी हाल के अध्ययन में देखा गया है कि दिल्ली में 40% संक्रमितों में BA.2.12 वैरीअंट से संक्रमित हुए हैं जो ओमीक्रोन कहीं एक म्यूटेशन है जबकि XE वैरीअंट काफी कम पाया गया है. XE के बारे में अब तक यही कहा जा रहा है कि यह डेल्टा की तरह जानलेवा नहीं है, लेकिन अभी कुछ अधिक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ओमीक्रोन के वजह से भी देशभर में कई लोगों की जान गई है.
आईजीआईएमएस में है पूरी व्यवस्थाः आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नम्रता कुमारी ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट से बढ़ रहे देश में संक्रमण के मामले की वजह से बिहार में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. इसको लेकर आईजीआईएमएस में तैयारी पूरी कर ली गई है. वायरस का कोई भी वैरिएंट हो उसका यहां पता लगाया जाएगा. वायरस और उसके म्यूटेशन पर रिसर्च किए जाने की योजना है. उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश में संक्रमण के मामले बढ़ने लगते हैं तो सबसे पहले यह पता लगाया जाएगा कि यह कौन सा वैरिएंट है और उसका कितना असर है. वायरस के वैरिएंट के डिटेक्शन के साथ ही पूरी पड़ताल की जाएगी और जो भी नया वैरिएंट होगा, उस पर रिसर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वायरस के वैरिएंट का पता लगाने के लिए आईजीआईएमएस में एक बेहतरीन अत्याधुनिक तकनीक से लैस जिनोम सीक्वेंसिंग लैब है और यह पूरी तरह सक्रिय है.
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