पटना: सोमवार को यूनियन बजट पेश होना है. इसको लेकर बिहारवासियों को बजट से काफी उम्मीद है. खासकर उद्यमियों को बिहार को कुछ स्पेशल पैकेज मिल सकता है. वहीं बजट में इस बार क्या कुछ खास होगा और वामपंथी दलों को क्या कुछ उम्मीद है. इस पर बात करने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब सीपीआईएम कार्यालय पहुंची तो राज्य सचिव ने बताया कि उन्हें कोई खास उम्मीद नहीं है.
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देश की जनता के हित में नहीं होता कोई भी कदम
सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि मोदी जी को हम लोग 6 साल से देख रहे हैं. बजट हो या कुछ और उनका कोई भी कदम देश की जनता के हित में नहीं होता. किसान और मजदूर, युवाओं के हित में तो कभी भी नहीं होता है. अगर वाकई वह हित चाहते तो किसानों का कर्ज माफ हो जाता और इतनी अधिक संख्या में आज छात्र, नौजवान बेरोजगार नहीं होते.
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'नरेंद्र मोदी की सरकार केवल कॉरपोरेट के लिए काम करती है. अंबानी-अडानी को राहत पहुंचाना चाहती है. अगर जनता को लाभ पहुंचाना है तो गैस के दाम को कम करती, पेट्रोल डीजल की कीमत नहीं बढ़ती लेकिन सरकार इसके लिए कोई कदम नहीं उठाएगी. इसलिए हमें इस बजट से कोई खास उम्मीद नहीं है'.- अवधेश कुमार, राज्य सचिव, सीपीआईएम
आम जनता के आमदनी से सरकार को मतलब नहीं
वहीं, अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के सदस्य और भाकपा माले के पोलित ब्यूरो मेंबर धीरेंद्र झा ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी है, इसका कोई जिम्मेदार है तो वह मोदी सरकार है.
कोरोना के कारण अच्छी तरीके से हैंडलिंग नहीं होने की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो गई है. लेकिन सरकार केवल कॉरपोरेट घराने को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है. उनकी पूंजी को बढ़ा रही है. सरकार को आम जनता के आमदनी से कोई मतलब नहीं है. आम जनता की आमदनी में गिरावट होती जा रही है. पूरे देश की यह मांग है कि अर्थव्यवस्था को ठीक करना है तो गांव गरीब और किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान को सामने रखते हुए बजट में प्रावधान होना चाहिए.- धीरेंद्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य, भाकपा माले