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नल जल योजना का काम कर रही कंपनियों को PHED विभाग से लेना होना NOC: रामप्रीत पासवान

नल जल योजना में ठेकेदार और कंपनियां कोई गड़बड़ी न कर पाएं इसके लिए पीएचईडी ने अहम फैसला लिया है. अब नल जल योजना का काम करने वाली कंपनियों को विभाग से एनओसी लेना होगा. काम में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को एनओसी नहीं मिलेगा.

Rampreet paswan
रामप्रीत पासवान
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Published : Mar 27, 2021, 7:38 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 8:07 PM IST

पटना: आए दिन नल जल योजना में धांधली या गड़बड़ी को लेकर शिकायत मिलती रहती थी. कहीं नल जल योजना के कारण सड़क को खोद कर ठेकेदार छोड़ देते थे, जिस कारण लोगों को आनेजाने में परेशानी होती थी तो कहीं काम अधूरा छोड़ दिया जाता था.

यह भी पढ़ें- जमीनी हकीकत: नल तो है, जल का दर्शन तक नहीं होता

कंपनियों को लेना होगा एनओसी
इस तरह की शिकायतों के बाद पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) ने एक अहम फैसला किया है. विभाग ने फैसला लिया है कि नल जल योजना का काम करने पर कंपनियों को पीएचईडी से एनओसी लेना होगा. विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा "पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता निगम और कंपनियों को स्टीमेट उपलब्ध कराएंगे. पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना नहीं रहे और क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें दुरुस्त किया जाए यह तय किया जाएगा."

देखें रिपोर्ट

अधूरा है नल जल योजना का काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट टू के तहत हर घर नल जल योजना के तहत सभी घरों तक नल से पानी पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए पीएचईडी और पंचायती राज विभाग जिम्मेवार है. इस योजना का हाल यह है कि ज्यादातर घरों तक नल ही नहीं पहुंचा है और नल पहुंचा है तो उसमें जल नहीं आता.

50 फीसदी हुआ है काम
राज्य के कई जिले में नल का जल लोगों को मुहैया कराने में विभाग फेल हो रही है. बिहार के 38 जिलों में लगभग 50% काम हुआ है. छपरा जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे वार्ड हैं जो नगर पंचायत में हैं, लेकिन लोगों के घर तक नल जल अभी तक नहीं पहुंच सका. ऐसे में कई बार टेंडर प्रक्रिया होती है, लेकिन लोगों को नल का जल नहीं मिला.

कमीशनखोरी के चलते नहीं हुआ गुणवत्तापूर्ण काम
नल जल योजना में कमीशनखोरी और बोरिंग लगाने से लेकर पाइप बिछाने में कई तरह की अनियमितता के मामले आते रहते हैं. अभियंता द्वारा भी योजनाओं को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती जाती है. कमीशनखोरी की वजह से गांव से लेकर शहरी इलाकों में नल जल योजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हुए हैं. फाइलों में सिर्फ योजनाओं को पूर्ण दिखाकर बंदरबांट किया गया है.

Nal jal yojna
नल जल योजना का अधूरा काम.

गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाते
विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा "जब से मैंने पद संभाला है मेरे विभाग द्वारा जहां भी नल जल योजना का काम हो रहा है उस पर पूरी नजर बनाए हुए हूं. जहां कहीं भी गड़बड़ी की सूचना मिलती है वैसे अधिकारी और कर्मचारी को बख्शा नहीं जाता, कार्रवाई की जाती है."

अनियमितता पर विभाग कर रही कार्रवाई
रामप्रीत पासवान ने कहा "नल जल योजना का काम पंचायती राज और पीएचईडी मिलकर कर रही है. कई वार्ड में पीएचईडी भी ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही है. ऐसे में कोई अनियमितता की सूचना मिलती है तो विभाग उस पर कड़ी कार्रवाई करती है. अपने इंजीनियर द्वारा उस वार्ड में काम कराया जाता है जहां मुखिया या पंचायत नहीं करते. पीएचईडी से जहां भी काम हुआ है काफी अच्छा रिजल्ट है. अब तो काम होने के बाद पीएचईडी से एनओसी प्राप्त करना होगा. इससे काम में कोई अनियमितता नहीं कर पाएगा."

नल जल योजना में लाई जा रही तेजी
"जहां कहीं भी नल जल योजना के काम के दौरान ग्रामीण सड़कों को तोड़ा गया है उसे तत्काल ठीक किया जाएगा. सरकार पूरी तरह से इस महत्वाकांक्षी योजना पर नजर बनाए हुई है. विभाग फरवरी माह से ही जिलों के पंचायत स्तर पर जल चौपाल लगाकर लोगों से राय लेती है. लोगों से जानकारी ली जाती है कि कहीं काम में कोई गड़बड़ी तो नहीं है. लोगों को जल बचाने के लिए भी जागरूक किया गया है. विभाग नल जल योजना के कार्यों में तेजी ला रही है. इसमें कोताही बरतने वालों पर नजर रखा जा रहा है."- रामप्रीत पासवान, पीएचईडी मंत्री

यह भी पढ़ें- नल जल योजना का हाल बेहाल! पानी भरते ही भरभराकर गिर गया पानी टंकी

यह भी पढ़ें- बेगूसराय में नल जल योजना फेल, घरों में जाने के बदले सड़क पर बह रहा पानी

पटना: आए दिन नल जल योजना में धांधली या गड़बड़ी को लेकर शिकायत मिलती रहती थी. कहीं नल जल योजना के कारण सड़क को खोद कर ठेकेदार छोड़ देते थे, जिस कारण लोगों को आनेजाने में परेशानी होती थी तो कहीं काम अधूरा छोड़ दिया जाता था.

यह भी पढ़ें- जमीनी हकीकत: नल तो है, जल का दर्शन तक नहीं होता

कंपनियों को लेना होगा एनओसी
इस तरह की शिकायतों के बाद पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) ने एक अहम फैसला किया है. विभाग ने फैसला लिया है कि नल जल योजना का काम करने पर कंपनियों को पीएचईडी से एनओसी लेना होगा. विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा "पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता निगम और कंपनियों को स्टीमेट उपलब्ध कराएंगे. पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना नहीं रहे और क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें दुरुस्त किया जाए यह तय किया जाएगा."

देखें रिपोर्ट

अधूरा है नल जल योजना का काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट टू के तहत हर घर नल जल योजना के तहत सभी घरों तक नल से पानी पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए पीएचईडी और पंचायती राज विभाग जिम्मेवार है. इस योजना का हाल यह है कि ज्यादातर घरों तक नल ही नहीं पहुंचा है और नल पहुंचा है तो उसमें जल नहीं आता.

50 फीसदी हुआ है काम
राज्य के कई जिले में नल का जल लोगों को मुहैया कराने में विभाग फेल हो रही है. बिहार के 38 जिलों में लगभग 50% काम हुआ है. छपरा जिले के परसा विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे वार्ड हैं जो नगर पंचायत में हैं, लेकिन लोगों के घर तक नल जल अभी तक नहीं पहुंच सका. ऐसे में कई बार टेंडर प्रक्रिया होती है, लेकिन लोगों को नल का जल नहीं मिला.

कमीशनखोरी के चलते नहीं हुआ गुणवत्तापूर्ण काम
नल जल योजना में कमीशनखोरी और बोरिंग लगाने से लेकर पाइप बिछाने में कई तरह की अनियमितता के मामले आते रहते हैं. अभियंता द्वारा भी योजनाओं को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती जाती है. कमीशनखोरी की वजह से गांव से लेकर शहरी इलाकों में नल जल योजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हुए हैं. फाइलों में सिर्फ योजनाओं को पूर्ण दिखाकर बंदरबांट किया गया है.

Nal jal yojna
नल जल योजना का अधूरा काम.

गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाते
विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा "जब से मैंने पद संभाला है मेरे विभाग द्वारा जहां भी नल जल योजना का काम हो रहा है उस पर पूरी नजर बनाए हुए हूं. जहां कहीं भी गड़बड़ी की सूचना मिलती है वैसे अधिकारी और कर्मचारी को बख्शा नहीं जाता, कार्रवाई की जाती है."

अनियमितता पर विभाग कर रही कार्रवाई
रामप्रीत पासवान ने कहा "नल जल योजना का काम पंचायती राज और पीएचईडी मिलकर कर रही है. कई वार्ड में पीएचईडी भी ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही है. ऐसे में कोई अनियमितता की सूचना मिलती है तो विभाग उस पर कड़ी कार्रवाई करती है. अपने इंजीनियर द्वारा उस वार्ड में काम कराया जाता है जहां मुखिया या पंचायत नहीं करते. पीएचईडी से जहां भी काम हुआ है काफी अच्छा रिजल्ट है. अब तो काम होने के बाद पीएचईडी से एनओसी प्राप्त करना होगा. इससे काम में कोई अनियमितता नहीं कर पाएगा."

नल जल योजना में लाई जा रही तेजी
"जहां कहीं भी नल जल योजना के काम के दौरान ग्रामीण सड़कों को तोड़ा गया है उसे तत्काल ठीक किया जाएगा. सरकार पूरी तरह से इस महत्वाकांक्षी योजना पर नजर बनाए हुई है. विभाग फरवरी माह से ही जिलों के पंचायत स्तर पर जल चौपाल लगाकर लोगों से राय लेती है. लोगों से जानकारी ली जाती है कि कहीं काम में कोई गड़बड़ी तो नहीं है. लोगों को जल बचाने के लिए भी जागरूक किया गया है. विभाग नल जल योजना के कार्यों में तेजी ला रही है. इसमें कोताही बरतने वालों पर नजर रखा जा रहा है."- रामप्रीत पासवान, पीएचईडी मंत्री

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Last Updated : Mar 27, 2021, 8:07 PM IST
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