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मसौढ़ी के सरकारी मिडिल स्कूल में खराब है चापाकल, पानी नहीं मिलने से बंद है मध्याह्न भोजन - etv news

पटना के मसौढ़ी के मध्य विद्यालय देवरिया ( Middle School Deoria Masaurhi) में पानी की व्यवस्था नहीं होने से बच्चे घर से पानी का बोतल लेकर आते हैं. स्कूल का चापाकल खराब होने के चलते मध्यान भोजन भी बंद है. पढ़ें पूरी खबर..

Middle School Deoria Masaurhi
Middle School Deoria Masaurhi
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Published : Aug 1, 2022, 3:18 PM IST

पटना: सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) को बेहतर करने के लाख दावे करती हो लेकिन आज भी कई स्थानों पर बच्चे बेहतर शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं. मसौढ़ी प्रखंड में एक ऐसा ही स्कूल है जो सरकार के तमाम दावों की पोल खोल रहा है. घर से विद्यालय आने के क्रम में बच्चों को अपने साथ पानी की बोतल लानी पड़ती है क्योंकि स्कूल में पानी की व्यवस्था ( No Water Facility In Middle School Deoria ) नहीं है. इसके कारण बच्चों के साथ साथ टीचर भी परेशान रहते हैं.

पढ़ें- आजादी के बाद पहली बार इस महादलित टोले के छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, माता-पिता के छलके आंसू

मध्य विद्यालय देवरिया में नहीं है पानी: दरअसल इस स्कूल में हर बच्चे के हाथ में पानी से भरा हुआ बोतल मिलेगा, क्योंकि कई महीनों से चापाकल स्कूल में खराब है. पानी नहीं होने के कारण कई महीनों से मध्यान भोजन भी बंद है और तो और शौचालय में भी ताले बंद पड़े हैं. मामला मध्य विद्यालय देवरिया का है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में पानी नहीं है इसलिए घर से पानी लाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.

"स्कूल का चापाकल खराब है. घर से पानी का बोतल लाना पड़ता है. हमें बहुत परेशानी होती है."- छात्रा

बच्चे घर से लाते हैं पानी का बोतल: स्कूल में बच्चों को कई तरह की समस्याओं के बीच पढ़ाई करनी पड़ती है. स्कूल के सभी शिक्षक भी पानी की वजह से परेशान हैं. सभी विभागों में पत्र लिख लिखकर गुहार लगा रहे हैं लेकिन अभी तक चापाकल नहीं बन सका है. वहीं पीएचईडी विभाग की मानें तो दो बार मरम्मत करवा चुके हैं लेकिन वह चापाकल नहीं चल पा रहा है. ऐसे में नए सिरे से वहां चापाकल की बोरिंग करनी पड़ेगी. मध्य विद्यालय देवरिया में 500 बच्चे हैं और 13 शिक्षक शिक्षिकाएं हैं, सभी पानी के लिए परेशान हैं.

"जल्द ही खराब पड़े चापाकल की मरमत के निर्देश दिए गए हैं. विद्यालय में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को पानी की परेशानी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं."- अमरेश कुमार सिह, प्रखंड विकास पदाधिकारी,मसौढ़ी

"पानी की समस्या है. चापाकल खराब है. बहुत समस्या है."- रेणु देवी, प्रधानाचार्य, मध्य विद्यालय, देवरिया, मसौढ़ी

"बच्चे पानी लेकर आते हैं. कभी कभी तो हाथ धोने के लिए भी पानी नहीं होता. सभी परेशान है."- सद्दाम हुसैन प्रखंड प्रमुख,मसौढ़ी

पटना: सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) को बेहतर करने के लाख दावे करती हो लेकिन आज भी कई स्थानों पर बच्चे बेहतर शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं. मसौढ़ी प्रखंड में एक ऐसा ही स्कूल है जो सरकार के तमाम दावों की पोल खोल रहा है. घर से विद्यालय आने के क्रम में बच्चों को अपने साथ पानी की बोतल लानी पड़ती है क्योंकि स्कूल में पानी की व्यवस्था ( No Water Facility In Middle School Deoria ) नहीं है. इसके कारण बच्चों के साथ साथ टीचर भी परेशान रहते हैं.

पढ़ें- आजादी के बाद पहली बार इस महादलित टोले के छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, माता-पिता के छलके आंसू

मध्य विद्यालय देवरिया में नहीं है पानी: दरअसल इस स्कूल में हर बच्चे के हाथ में पानी से भरा हुआ बोतल मिलेगा, क्योंकि कई महीनों से चापाकल स्कूल में खराब है. पानी नहीं होने के कारण कई महीनों से मध्यान भोजन भी बंद है और तो और शौचालय में भी ताले बंद पड़े हैं. मामला मध्य विद्यालय देवरिया का है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में पानी नहीं है इसलिए घर से पानी लाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.

"स्कूल का चापाकल खराब है. घर से पानी का बोतल लाना पड़ता है. हमें बहुत परेशानी होती है."- छात्रा

बच्चे घर से लाते हैं पानी का बोतल: स्कूल में बच्चों को कई तरह की समस्याओं के बीच पढ़ाई करनी पड़ती है. स्कूल के सभी शिक्षक भी पानी की वजह से परेशान हैं. सभी विभागों में पत्र लिख लिखकर गुहार लगा रहे हैं लेकिन अभी तक चापाकल नहीं बन सका है. वहीं पीएचईडी विभाग की मानें तो दो बार मरम्मत करवा चुके हैं लेकिन वह चापाकल नहीं चल पा रहा है. ऐसे में नए सिरे से वहां चापाकल की बोरिंग करनी पड़ेगी. मध्य विद्यालय देवरिया में 500 बच्चे हैं और 13 शिक्षक शिक्षिकाएं हैं, सभी पानी के लिए परेशान हैं.

"जल्द ही खराब पड़े चापाकल की मरमत के निर्देश दिए गए हैं. विद्यालय में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को पानी की परेशानी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं."- अमरेश कुमार सिह, प्रखंड विकास पदाधिकारी,मसौढ़ी

"पानी की समस्या है. चापाकल खराब है. बहुत समस्या है."- रेणु देवी, प्रधानाचार्य, मध्य विद्यालय, देवरिया, मसौढ़ी

"बच्चे पानी लेकर आते हैं. कभी कभी तो हाथ धोने के लिए भी पानी नहीं होता. सभी परेशान है."- सद्दाम हुसैन प्रखंड प्रमुख,मसौढ़ी

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