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लॉकडाउन की वजह से फूलों के खेत मुरझाए, किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार

लॉकडाउन के कारण पूरा धंधा चौपट हो गया. फूलों के खेतिहर अपने खेत में लहलहाते फूलों को तोड़कर फेंक रहे हैं. लगातार होते इस नुकसान ने फूलों के खेतिहरों को कर्ज के संकट में डाल दिया है.

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Published : Apr 27, 2020, 10:18 AM IST

पटना: कोरोना के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन का असर उद्योग के अलावा खेती पर भी पड़ रहा है. भगवान पर चढ़ने वाले फूल और शादी के मंडप की शोभा बढ़ाने वाले फूल अब किसानों की खेतों में ही मुरझा गए हैं. किसानों से फूल खरीदने वाला कोई नहीं है. इस कारण वो काफी परेशान है. हालांकि कृषि के कुछ क्षेत्रों में छूट देने से किसानों को राहत मिली है.

बाढ़ के फूलों के खेतिहरों पर इस लॉकडाउन की चौतरफा मार पड़ रही है. पारंपरिक किसानों को छूट मिलने के बाद जहां कटनी शुरू हो गई. वहीं, दूसरी ओर फूलों के खेतिहरों को इसका कोई लाभ नहीं है. क्योंकि फूलों का बाजार में खरीदार ही नहीं मिल रहा है.

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लॉकडाउन से फूल खेती को काफी नुकसान

धार्मिक आयोजन बंद होने से किसान परेशान
लॉकडाउन के कारण मंदिरों मे पूजा पाठ पूरी तरह से बंद हो चुका है. धार्मिक आयोजन बंद होने से फूलों की बिक्री भी पूरी तरह से ठप हो गई. वहीं, शादी का मौसम होने के बाद भी लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकांश लोगों ने अपने घर की शादियां रद्द कर दी है. फूल की खेती करने वाले किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है.

लॉकडाउन के कारण फूल की खेती करने वाले किसान परेशान

कर्ज के संकट में फूलों के खेतिहर
कोरोना वायरस के कारण राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रम भी पूरी तरह ठप हैं. ऐसे में इन फूलों को खरीदे कौन? बाढ़ के अछूयारा गांव के दर्जन भर किसान, जमीन पट्टे पर लेकर फूलों की खेती करते हैं. इनमें से कई किसानों ने बैंक से लोन लेकर फूलों की खेती शुरू तो कर दी, लेकिन जैसे ही कमाई का मौसम आया, लॉकडाउन के कारण पूरा धंधा चौपट हो गया. फूलों के खेतिहर अपने खेत में लहलहाते फूलों को तोड़कर फेंक रहे हैं. लगातार होते इस नुकसान ने फूलों के खेतिहरों को कर्ज के संकट में डाल दिया है.

पटना: कोरोना के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन का असर उद्योग के अलावा खेती पर भी पड़ रहा है. भगवान पर चढ़ने वाले फूल और शादी के मंडप की शोभा बढ़ाने वाले फूल अब किसानों की खेतों में ही मुरझा गए हैं. किसानों से फूल खरीदने वाला कोई नहीं है. इस कारण वो काफी परेशान है. हालांकि कृषि के कुछ क्षेत्रों में छूट देने से किसानों को राहत मिली है.

बाढ़ के फूलों के खेतिहरों पर इस लॉकडाउन की चौतरफा मार पड़ रही है. पारंपरिक किसानों को छूट मिलने के बाद जहां कटनी शुरू हो गई. वहीं, दूसरी ओर फूलों के खेतिहरों को इसका कोई लाभ नहीं है. क्योंकि फूलों का बाजार में खरीदार ही नहीं मिल रहा है.

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लॉकडाउन से फूल खेती को काफी नुकसान

धार्मिक आयोजन बंद होने से किसान परेशान
लॉकडाउन के कारण मंदिरों मे पूजा पाठ पूरी तरह से बंद हो चुका है. धार्मिक आयोजन बंद होने से फूलों की बिक्री भी पूरी तरह से ठप हो गई. वहीं, शादी का मौसम होने के बाद भी लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकांश लोगों ने अपने घर की शादियां रद्द कर दी है. फूल की खेती करने वाले किसानों ने सरकार से मदद की मांग की है.

लॉकडाउन के कारण फूल की खेती करने वाले किसान परेशान

कर्ज के संकट में फूलों के खेतिहर
कोरोना वायरस के कारण राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रम भी पूरी तरह ठप हैं. ऐसे में इन फूलों को खरीदे कौन? बाढ़ के अछूयारा गांव के दर्जन भर किसान, जमीन पट्टे पर लेकर फूलों की खेती करते हैं. इनमें से कई किसानों ने बैंक से लोन लेकर फूलों की खेती शुरू तो कर दी, लेकिन जैसे ही कमाई का मौसम आया, लॉकडाउन के कारण पूरा धंधा चौपट हो गया. फूलों के खेतिहर अपने खेत में लहलहाते फूलों को तोड़कर फेंक रहे हैं. लगातार होते इस नुकसान ने फूलों के खेतिहरों को कर्ज के संकट में डाल दिया है.

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