पटना: 17 फरवरी से जारी नियोजित शिक्षकों के हड़ताल को लेकर अब तक सरकार ने वार्ता की कोई पहल नहीं की है. एक तरफ नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ सरकार हर दिन बड़ी संख्या में हड़ताली शिक्षकों पर निलंबन और प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई कर रही है. वहीं, शिक्षक संघ के नेता भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इस पर शिक्षा मंत्री ने भी दो टूक कह दिया है कि शिक्षकों को अपना रुख नरम करना ही होगा.
बता दें कि 17 फरवरी से बिहार में लाखों नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. 25 फरवरी से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े हजारों शिक्षक भी हड़ताल पर चले गये हैं, जिससे इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है. मूल्यांकन में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों पर हर दिन बड़ी संख्या में प्राथमिकी दर्ज हो रही है और बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षकों को निलंबित भी किया जा रहा है.
सरकार की कार्रवाई से नहीं पड़ने वाला कोई फर्क
कार्रवाई को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडे ने कहा कि सरकार की दमनकारी कार्रवाई से हमारे आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. केदारनाथ पांडे ने कहा कि शिक्षक अपना वाजिब हक मांग रहे हैं. हम सरकार से सिर्फ वही मांग रहे हैं जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देने का वादा किया था. इसके बावजूद सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है, जिससे यह साफ पता चलता है कि वह कितने हताशा में हैं.
शिक्षा मंत्री की दो टूक
शिक्षक नेता और विधान पार्षद केदारनाथ पांडे ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि जितनी जल्दी हो सके वह शिक्षक संघ से वार्ता करके हड़ताल खत्म करने की पहल करे. इधर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं. शिक्षकों को अपना रुख नरम करना ही होगा. शिक्षा मंत्री की बातों से यह साफ है कि सरकार फिलहाल शिक्षकों की मांगों के आगे झुकने को तैयार नहीं है.