पटनाः बिहार सरकार ने करीब डेढ़ लाख शिक्षकों की बहाली का ऐलान किया है. ये नियुक्ति नई शिक्षक नियामवली के तहत की जाएगी जिसे कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है और अब सरकार ने वेतनमान भी तय कर दिया है. लेकिन बिहार में नियोजित शिक्षक संघ इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस नियामवली में कई खाामियां हैं. इसी के विरोध में आज 1 मई को नियोजित शिक्षक पटना की सड़कों पर उतरेगें.
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मुंह पर काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोधः इससे पहले नए नियमों के विरोध में टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने रविवार को ऑनलाइन बैठक कर ये ऐलान किया गया था. बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि नये नियमों में बड़े पैमाने पर त्रुटियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है. आज संकल्प सभाओं में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जाएगा. सभी 38 जिला मुख्यालयों पर कार्यरत शिक्षक संकल्प सभा में शामिल होंगे.
बीपीएससी के तहत परीक्षा लेना गलत: शिक्षकों का कहना है कि राज्य कर्मचारी बनाने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की क्या जरूरत है. नियोजित शिक्षकों ने नए शिक्षा नियमों का पुरजोर विरोध किया है. नियोजित शिक्षकों का कहना है कि अब वे किसी विधायक या राजनेता के नेतृत्व में अपनी लड़ाई नहीं लड़ेंगे, बल्कि अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे और सरकार को अल्टीमेटम देंगे कि उन्हें जल्द राज्य कार्यकर्ता का दर्जा दिया जाए, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की लड़ाई लड़ी जाएगी. स्कूलों में पठन-पाठन बंद करने पर वो लोग मजबूर हो जाएंगे.
क्या है नई शिक्षक नियामवलीः आपको बता दें कि अब नई नियामवली के तहत सभी नियुक्तियां आयोग के माध्यम से की जाएगी. बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2023 पर पिछले महीने ही मुहर लग गई है. अब शिक्षकों की सभी नई नियुक्तियां सरकारी कर्मचारी के रूप में जानी जाएंगी. बिहार में 3 लाख शिक्षकों की जरूरत है, इस नियम से नियोजित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को गति मिलेगी. नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है. इस नियुक्ति के लिए भारत का नागरिक और बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है. विद्यालय शिक्षक की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित मानक एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है. उसके बाद ही आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी और चयनित उम्मीदवार शिक्षक बन सकेंगे.