पटना: बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर जारी प्रक्रिया के बीच मंगलवार को कैबिनेट में आवेदन संबंधी संशोधन होने और डोमिसाइल को खत्म किए जाने के निर्णय लिया गया. इसके बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. एक तरफ जहां विभिन्न शिक्षक संगठन इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है.
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डोमिसाइल खत्म करना तुगलकी फरमान : उपेंद्र कुशवाहा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय कि दूसरे राज्य के कैंडिडेट भी बिहार में शिक्षक बनेंगे गलत है. उपेन्द्र कुशवाहा ने इस तुगलकी फरमान के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताते हुए बिहार के शिक्षक अभ्यार्थियों पर आत्मघाती हमला बताया. कुशवाहा ने बताया कि राज्य में नियोजित शिक्षक और लाखों क्वालिफाइड शिक्षक अभ्यार्थी सालों से सरकार की लचर नियमावली और बहाली प्रक्रिया के कारण बेरोजगार बैठे हैं.
"नियोजित शिक्षक और लाखों क्वालिफाइड शिक्षक अभ्यार्थी सालों से सरकार की लचर नियमावली और बहाली प्रक्रिया के कारण बेरोजगार बैठे हैं. रिक्तियां लाखों में है, लेकिन बहाली की प्रक्रिया अबतक सुदृढ़ नहीं हो पाई है. इसका सीधा असर बिहार की शिक्षा व्यवस्था और नौनिहालों के भविष्य पर पड़ रहा है. कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय कि दूसरे राज्य के कैंडिडेट भी बिहार में शिक्षक बनेंगे गलत है" - उपेंद्र कुशवाहा, आरएलजेडी प्रमुख
शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ आरएलजेडी : उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि रिक्तियां लाखों में है, लेकिन बहाली की प्रक्रिया अबतक सुदृढ़ नहीं हो पाई है. इसका सीधा असर बिहार की शिक्षा व्यवस्था और नौनिहालों के भविष्य पर पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया जारी है. इसी बीच सरकार 11 दिनों में अब तक शिक्षक भर्ती नियमावली में आठ संशोधन कर चुकी है. आने वाले दिनों में न जानें और क्या-क्या बदलाव होंगे. इस बदली हुई शिक्षा नीति को लेकर आरएलजेडी घोर निंदा करती है. बिहार के शिक्षक अभ्यार्थियों के साथ राष्ट्रीय लोक जनता दल पूरे मुस्तैदी के साथ खड़ी है.