पटना: अभिषेक अग्रवाल के फर्जी कॉल पर आईपीएस आदित्य कुमार (In Ips Aditya Kumar Case) की गलतियों पर पर्दा डाल क्लीन चिट देने वाले बिहार के डीजीपी एसके सिंघल खुद फंस गए हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डीजीपी के बचाव में उतर गए हैं. नीतीश कुमार ने कहा है कि 'बेचारे DGP दो महीने में रिटायर होने वाले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने डीजीपी सिंघल को माफ कर दिया है. बता दें कि बिहार के डीजीपी एसके सिंघल दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं.
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''इस बात की जानकारी मिली है कि कोई गलत फोन कर रहा है. बेचारे डीजीपी को कोई गलत आदमी का कॉल लग गया था. जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि फर्जी आदमी है. कभी कोई गलती हो गई और उसका अहसास उन्हें हो गया तो अब ध्यान नहीं देना चाहिए. इसके साथ ही नीतीश ने कहा कि अरे भाई यह कौन महीना है, यह अक्टूबर है. वह जल्द रिटायर होने वाले हैं.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
सुशील मोदी ने की सीबीआई जांच की मांग : इस बीच. बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए कार्रवाई की मांग की है. सुशील मोदी ने इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, जब एसपी स्तर के अधिकारी को बचाने और लाभ पहुंचाने का संदेह डीजीपी पर है, तो उनके नीचे काम करने वाली आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती.
''डीजीपी सिंघल पिछले अगस्त महीने से उस व्यक्ति से दर्जनों बार बात कर रहे थे, उसकी पैरवी को गंभीरता से ले रहे थे, जो स्वयं को हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बता रहा था, लेकिन उन्होंने फोन करने वाले की सत्यता जांचने की कोशिश क्यों नहीं की? ऐसे गंभीर सवालों का जवाब सीबीआई ही ढूंढ सकती है.'' - सुशील मोदी, बीजेपी सांसद
फर्जी फोन कॉल मामले पर पहली बार बोले DGP: वहीं, फर्जी चीफ जस्टिस फोन कॉल मामले पर डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP S K Singhal) पहली बार मीडिया के सामने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है, इसपर कयास नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि जब उनसे मामले में सीबीआई जांच करवाने को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने इसपर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
''ये बहुत ही गंभीर मामला है. इसका अनुसंधान चल रहा है. सबको ये सुझाव दूंगा कि अंदाज पर बात बिल्कुल ना करें. इसका अनुसंधान चलने दीजिए. इसमें कुछ चीजें और भी हैं जिसपर बात की जाएगी. बिल्कुल सही समय पर मैं आपको एक-एक चीज के बारे में ब्रिफ करूंगा.'' - एसके सिंघल, डीजीपी, बिहार
बिहार फर्जी फोन कॉल मामला : फर्जी फोन कॉल मामले के बाद बिहार के गृह विभाग ने आदित्य कुमार को उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया है. गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज शराब उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दिलाने के लिए डीजीपी पर दबाव बनाने के लिए दोनों ने गहरी साजिश रची थी.
चीफ-जस्टिस बना DGP को कराए फोन : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (Patna HC chief justice Sanjay Karol) के रूप में अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के डीजीपी को मुख्य न्यायाधीश के डीपी वाले फोन नंबर से 30 से अधिक कॉल किए थे. बिहार के डीजीपी ने अपनी रिपोर्ट में आदित्य कुमार के खिलाफ उस मामले में गलत तथ्य की ओर इशारा किया था. नतीजतन, वह पुलिस मुख्यालय पटना में एआईजी में शामिल हो गए.
CM नीतीश के निर्देश पर दर्ज हुआ था FIR: 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उन पर आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी, 66सी और 66 के तहत फतेहपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. उनके अलावा फतेहपुर के एसएचओ संजय कुमार को भी सह आरोपी बनाया गया है.