पटना: बीजेपी से अलग होने के बाद आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों के साथ नए महागठबंधन (Mahagathbandhan) की घोषणा के एक दिन बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ (Nitish Kumar takes oath as Bihar CM) ली. उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम की शपथ (Deputy CM Tejashwi Yadav) ली. यहां राजभवन के राजेंद्र मंडपम में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया जहां दोनों नेताओं ने शपथ ली.
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तेजस्वी यादव ने शपथ लेने के बाद सीएम नीतीश कुमार के पैर छुए और आशीर्वाद लिया. नीतीश कुमार ने भी तेजस्वी यादव को गर्मजोशी से बधाई दी. राजभवन जाने से पहले नीतीश कुमार ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद से फोन पर बात की. शपथ लेने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "2020 के विधानसभा चुनाव के बाद मैं बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था. बीजेपी के साथ जाने के बाद हमारी पार्टी को नुकसान हुआ. पिछले दो महीनों में स्थिति और भी खराब हो गई."
कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी की पत्नी राजश्री यादव और जदयू और आरजेडी के अन्य नेता मौजूद रहे. शपथ ग्रहण समारोह के बाद राबड़ी देवी ने कहा, "नई सरकार राज्य और देश के निर्माण में फायदेमंद होगी."
आरजेडी के पिछले कार्यकाल में की गई गलतियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आम लोगों के हित में अच्छा काम करेगी. राबड़ी देवी ने कहा, "भगवान के आशीर्वाद और मीडिया ने अतीत में जिस तरह से इन सभी चीजों को पेश किया, उसके कारण हम सत्ता में आए. हम बिहार के प्रत्येक व्यक्ति, मीडियाकर्मियों और सभी को धन्यवाद देते हैं." तेज प्रताप यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार युवाओं के लिए काम करेगी.
नीतीश कुमार मार्च 2000, नवंबर 2005, नवंबर 2010, फरवरी 2015, नवंबर 2015, जुलाई 2017, नवंबर 2020 और 10 अगस्त, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री बनकर एतिहास रच चुके हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने नवंबर 2015 में और अब 10 अगस्त 2022 को बिहार के डिप्टी सीएम की शपथ ली. इससे पहले 7 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. नीतीश कुमार कब-कब बिहार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, वह इस प्रकार से हैं...
- 3 मार्च, 2000 पहली बार
- 24 नवंबर , 2005 दूसरी बार
- 26 नवंबर, 2010 तीसरी बार
- 22 फरवरी, 2015 चौथी बार
- 20 नवंबर, 2015 पांचवी बार
- 27 जुलाई , 2017 छठी बार
- 16 नवंबर, 2020 सातवीं बार
- 10 अगस्त, 2022 आठवीं बार लेंगे शपथ
नीतीश कुमार एनडीए और महागठबंधन दोनों सरकारों की मुखिया बने रहे हैं और जिस गठबंधन में रहे हैं, उसकी ही सरकार बनी है. 24 नवंबर, 2005 से लेकर 20 मई, 2014 तक एनडीए के मुख्यमंत्री रहे और फिर 22 फरवरी, 2015 से महागठबंधन के सहयोग से मुख्यमंत्री बने हैं. 20 नवंबर, 2015 से महागठबंधन के मुख्यमंत्री बने और फिर 27 जुलाई, 2017 से 9 अगस्त, 2022 तक एनडीए के मुख्यमंत्री बने रहे और अब एक बार फिर से महागठबंधन के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने का बिहार में रिकॉर्ड बनाया है.
वहीं, तेजस्वी यादव 22 नवंबर, 2015 में पहली बार बिहार के उप मुख्यमंत्री बने थे, जब नीतीश कुमार एनडीए से निकलकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे और महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत मिली थी. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने थे और आज एक बार फिर से दूसरी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. वैसे मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा.
बिहार विधानसभा में आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, माले के 12, सीपीआई दो, सीपीएम दो, हम चार और एक निर्दलीय कुल 164 विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार के साथ है. विपक्ष में केवल बीजेपी 77 और एआईएमआईएम के एक सदस्य ने कुल 78 सदस्य बच गए हैं. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं. अभी एक सदस्य कम है और सदस्यों की संख्या के हिसाब से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
एनडीए सरकार में 30 मंत्री बनाए गए थे और अब महागठबंधन के दलों को उनकी विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्री पद आवंटित किया जाएगा. अभी से ही कई नामों की चर्चा शुरू हो गई है. जहां जेडीयू की ओर से सबसे वरिष्ठ नेता बिजेंद्र यादव के मंत्री बनाए जाने की चर्चा हो रही है. उनके साथ विजय कुमार चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा, श्रवण कुमार, लेसी सिंह तो वहीं आरजेडी से तेजप्रताप यादव, आलोक मेहता, भाई बिरेंद्र, सुनील कुमार सिंह, अनिता देवी, कांग्रेस से मदन मोहन झा, शकील अहमद खान, अजीत शर्मा, हम से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह का नाम तय माना जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष के लिए अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा हो रही है.
महागठबंधन साथ आने पर नीतीश कुमार राबड़ी देवी से भी मुलाकात की और 2017 को भूल जाने की बात भी कही. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात कर समर्थन देने के लिए आभार भी जताया. नीतीश कुमार तीसरी बार पलटी मारे हैं. 9 अगस्त को राजधानी पटना में पूरे दिन राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी रही. मुख्यमंत्री आवास से लेकर राजभवन तक दिनभर गमागहमी बनी रही. मुख्यमंत्री ने 11:00 बजे से जेडीयू के विधायकों, सांसदों और पार्टी के सभी नेताओं के साथ बैठक कर एनडीए से अलग होने का फैसला लिया और और राजभवन जाकर एनडीए के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद महागठबंधन के 7 दलों के नेता चुने गए और फिर से सरकार बनाने का दावा पेश किया. बीजेपी पर जेडीयू को कमजोर करने सहित कई तरह का आरोप भी लगाया. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में बीजेपी का एजेंडा लागू नहीं होने देंगे.
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