पटना: बीजेपी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने मछुआरे के हक को लेकर बिहार सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि मोतिहारी में कई जलाशय को लेकर निविदा आमंत्रित किये गये हैं और ओपन डाक बुलाई गई है. इससे मछुआरे समाज के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में मत्स्य जीवी समिति सरकार के द्वारा बनाई गई है. बावजूद इसके सरकार जलाशय को लेकर पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग ओपन डाक से बोली लगवा रही है जो कि कहीं से भी उचित नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने नीतीश सरकार को घेरा: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि वह अति पिछड़ा समाज के हितैषी हैं, लेकिन जिस तरह से मछुआरे के साथ व्यवहार किया जा रहा है. वह कहीं से भी उचित नहीं है. ऐसे करने से मछुआरे समाज को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. बिहार में पहली बार सरकार मछुआरे को उसके मुख्य कार्य से अलग करने की कोशिश कर रही है. हरि सहनी ने साफ-साफ कहा कि इससे पहले भी बिहार के जलाशयों को विभाग द्वारा ओपन डाक आमंत्रित करके सभी समाज के लोगों को जलाशय देने की कोशिश की गई थी.
जलाशय के ओपन डाक का विरोध: उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इसका विरोध किया. करीब 5000 से ज्यादा मछुआरों ने जल सत्याग्रह कर सरकार ने अपने निर्णय को वापस लेने पर मजबूर कर दिया था. एक बार फिर से सरकार इस निर्णय को लागू कर रही है. मोतिहारी में दर्जनों तालाब को कल ओपन डाक के जरिए बोली लगाई जाएगी. जिसका हम विरोध करते है और सरकार से मांग करते है की मछुआरे समाज के हित को देखते हुए सरकार को यह फैसला वापस लें.
"कल मोतिहारी में दर्जनों तालाब का ओपन डाक के जरिये बोली लगाई जाएगी. जिसका बीजेपी विरोध कर रही है. इससे मछुआरे समाज के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. प्रत्येक प्रखंड में मत्स्य जीवी समिति सरकार के द्वारा बनाई गई है. बावजूद इसके सरकार जलाशय को लेकर पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग ओपन डाक से बोली लगवा रही है. यह कहीं से भी उचित नहीं है."-हरि सहनी, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद
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