पटना: नीतीश कैबिनेट ने शिक्षक नियोजन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. नीतीश मंत्रिमंडल ने शिक्षक नियमावली को मंजूरी दे दी है. इसके चलते सातवें चरण के शिक्षक बहाली का रास्ता साफ हो गया है. नए नियम के तहत अब शिक्षक बहाली के लिए आयोग परीक्षा लेगी. अभी जो शिक्षक काम कर रहे हैं उन्हें भी परीक्षा में भाग लेने की छूट मिलेगी. नीतीश सरकार के इस फैसले को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. देर से ही सही लेकिन शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए ये कैबिनेट से नई नियमावली पास हो चुकी है.
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शिक्षक सेवा शर्त नियमावली में संशोधन पर मुहर: बता दें कि अब जो भी नई नियुक्ति होंगी आयोग के माध्यम से होंगी. इसके तहत बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति हस्तांतरण अनुशासन करवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2023 पर मुहर लगी है. अब जो भी शिक्षक की नई नियुक्ति होगी वह सभी सरकारी कर्मचारी के रूप में जाने जाएंगे. बिहार में 3 लाख शिक्षकों की जरूरत है. इस नियम से नियोजित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ सकेगी. नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है.
''आज 6 एजेंडों पर मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है. पहला फैसला राज्य में शिक्षक नियमावली पर लिया गया है. इसका नाम 'बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति हस्तांतरण अनुशासन करवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2023' है. इसके तहत राज्य सरकार जो भी नियुक्तियां करेगी वो अब राज्य कर्मचारी होंगे. अब जो भी नई नियुक्ति होगी उसे राज्य सरकार करेगी. इसके लिए सरकार एक अलग परीक्षा आयोग के माध्यम से लेगी. परीक्षा के माध्यम से ही अब नियुक्तियां होंगी.''- एसएस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग
नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनने के लिए देनी होगी परीक्षा: इस नियुक्ति के लिए अर्हता भारत का नागरिक होना और बिहार का स्थाई निवासी होना जरूरी है. विद्यालय अध्यापक के नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित मानकों और शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. उसके बाद ही आयोग द्वारा परीक्षा लिया जाएगा. चयनित अभ्यर्थी शिक्षक बन सकेंगे. नियमावली में न्यूनत उम्र 21 साल है जबकि 10 वर्ष के आयु की छूट का भी प्रावधान है. अब नियोजित शिक्षक भी परीक्षा पास करके सरकारी शिक्षक बन सकेंगे.
सरकार ने बढ़ाया राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता: इसके अलावा राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन पेंशन प्राप्त कर रहे. राज्य सरकार के सरकारी सेवकों और पेंशन भोगियों, पारिवारिक पेंशन भोगियों को 1 जनवरी 2023 के प्रभाव से 38% के स्थान पर 42% महंगाई भत्ता देने की कैबिनेट में स्वीकृति दी है. बिहार आकस्मिकता निधि के स्थाई कार्य जो 350 करोड़ को वित्तीय वर्ष 2023- 24 से 30 मार्च 2024 तक के लिए अस्थाई रूप से बढ़ाकर ₹10000 करोड़ करने की स्वीकृति दी गई है. डीए पर 1690 करोड़ की राशि बिहार सरकार खर्च करेगी.