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Bhagalpur Bridge Collapsed : 'तेजस्वी यादव की कहीं ना कहीं इसमें संलिप्तता है'.. BJP का बड़ा आरोप - ईटीवी भारत बिहार

भागलपुर में पुल के ध्वस्त होने पर बिहार में चरम पर सियासत है. जहां एक ओर सरकार का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा वहीं बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगा है. नितिन नवीन ने कहा कि भ्रष्टाचार का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 5, 2023, 3:35 PM IST

पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का बयान.

पटना : भागलपुर के सुल्तानगंज अगवानी घाट पुल ध्वस्त होने मामले पर सियासत जारी है. पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इसे भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण बताया है. नितिन नवीन ने कहा कि पिछले साल जब पुल का हिस्सा गिरा था तो पुल के डिजाइन को लेकर आईआईटी रुड़की से जांच करवाई गई थी. एनआईटी के विशेषज्ञों से भी इसकी जांच करवाई गई थी. दोनों की फाइंडिंग है.

ये भी पढ़ें - Bihar Bridge Collapse Update: तेजस्वी यादव ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, BJP ने मांगा CM नीतीश का इस्तीफा

दोबारा काम क्यों शुरू कराया गया? : नितिन नवीन ने कहा कि पिछले साल जब सरकार बदल गई, इसकी रिपोर्ट आने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने समीक्षा भी की थी. उसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा गया. नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव से पूछा है कि जब आपको मालूम था कि उसका डिजाइन सही नहीं है, उसके बाद भी दोबारा निर्माण कार्य क्यों शुरू किया गया. क्या मंशा थी दोबारा काम शुरू कराने की?

''जदयू और आरजेडी के विधायकों ने ही पुल को लेकर सदन में सवाल उठाया था. तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि सब कुछ ठीक है. 2023 दिसंबर में काम पूरा हो जाएगा. उस समय भी आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट को आपने (तेजस्वी यादव) छिपाया.''- नितिन नवीन, पूर्व पथ निर्माण मंत्री, बिहार सरकार

'भ्रष्टाचार का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता' : पूर्व पथ निर्माण मंत्री ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं ना कहीं, शुरू से आपकी मंशा रही है रिपोर्ट की फाइंडिंग को छुपाकर काम कराते रहने की. यह साफ दिखता है कि 2015-16 से आपकी कहीं ना कहीं इसमें संलिप्तता है. नितिन नवीन ने यह भी कहा कि दोबारा काम शुरू कराने के पीछे कांट्रेक्टर को लाभ पहुंचाने की मंशा साफ दिखती है. भ्रष्टाचार का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता है.

क्या हुआ था : रविवार शाम को सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया था. 14 महीने के भीतर दूसरी बार यह पुल गिरा था. पुल के 3 पाए नदी में समा गए थे. 30 से अधिक स्लैब यानी 100 फिट लंबा पुल भरभराकर गिर गया था. 30 अप्रैल 2022 को भी यह पुल नदी में समा गया था. हालांकि उसवक्त एनडीए की सरकार थी.

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पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का बयान.

पटना : भागलपुर के सुल्तानगंज अगवानी घाट पुल ध्वस्त होने मामले पर सियासत जारी है. पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इसे भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण बताया है. नितिन नवीन ने कहा कि पिछले साल जब पुल का हिस्सा गिरा था तो पुल के डिजाइन को लेकर आईआईटी रुड़की से जांच करवाई गई थी. एनआईटी के विशेषज्ञों से भी इसकी जांच करवाई गई थी. दोनों की फाइंडिंग है.

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दोबारा काम क्यों शुरू कराया गया? : नितिन नवीन ने कहा कि पिछले साल जब सरकार बदल गई, इसकी रिपोर्ट आने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने समीक्षा भी की थी. उसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा गया. नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव से पूछा है कि जब आपको मालूम था कि उसका डिजाइन सही नहीं है, उसके बाद भी दोबारा निर्माण कार्य क्यों शुरू किया गया. क्या मंशा थी दोबारा काम शुरू कराने की?

''जदयू और आरजेडी के विधायकों ने ही पुल को लेकर सदन में सवाल उठाया था. तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि सब कुछ ठीक है. 2023 दिसंबर में काम पूरा हो जाएगा. उस समय भी आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट को आपने (तेजस्वी यादव) छिपाया.''- नितिन नवीन, पूर्व पथ निर्माण मंत्री, बिहार सरकार

'भ्रष्टाचार का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता' : पूर्व पथ निर्माण मंत्री ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं ना कहीं, शुरू से आपकी मंशा रही है रिपोर्ट की फाइंडिंग को छुपाकर काम कराते रहने की. यह साफ दिखता है कि 2015-16 से आपकी कहीं ना कहीं इसमें संलिप्तता है. नितिन नवीन ने यह भी कहा कि दोबारा काम शुरू कराने के पीछे कांट्रेक्टर को लाभ पहुंचाने की मंशा साफ दिखती है. भ्रष्टाचार का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता है.

क्या हुआ था : रविवार शाम को सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया था. 14 महीने के भीतर दूसरी बार यह पुल गिरा था. पुल के 3 पाए नदी में समा गए थे. 30 से अधिक स्लैब यानी 100 फिट लंबा पुल भरभराकर गिर गया था. 30 अप्रैल 2022 को भी यह पुल नदी में समा गया था. हालांकि उसवक्त एनडीए की सरकार थी.

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