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पटना: नीलगाय के आतंक से परेशान हैं किसान, वन विभाग ने साधी चुप्पी

नीलगाय का आतंक पटना के दियारा में देखने को मिल रहा है. यहां नीलगाय किसानों की सब्जी की फसल को तबाह कर रही हैं. इस दिशा में प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
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Published : Apr 28, 2020, 7:20 PM IST

पटना: एक तरफ बिहार के किसान मौसम की मार और लॉक डाउन से बेहाल हैं. दूसरी तरफ रही सही कसर नीलगायों ने पूरी कर दी है. नीलगाय आराम से रात के वक्त आती हैं और इनकी फसलें बर्बाद कर जाती हैं. किसान सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं और इधर वन विभाग इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है.

पटना के दियारा में सब्जी की खेती बहुतायत में होती है. गंगा की गीली मिट्टी होने के कारण इस पूरे भूभाग में हर तरह की सब्जी की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी होती है. विशेष रूप से परवल, बैगन, टमाटर, मिर्च और नैनवा, कद्दू की खेती यहां सैकड़ों किसानों के लिए जीवन यापन का बड़ा साधन है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

न सिर्फ पटना बल्कि आसपास के कई जिलों में दियारा की सब्जी सड़क और जलमार्ग से सप्लाई होती है. लॉकडाउन के कारण किसानों की आय पर बड़ा असर पड़ा है. इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में आए दिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. और रही सही कसर पूरी कर दी है इस पूरे इलाके में मौजूद नीलगायों ने.

रस्सी से की घेराबंदी
रस्सी से की घेराबंदी

परेशान हैं किसान
किसान बताते हैं कि दियारा इलाके में हजारों की संख्या में नीलगाय हैं. यह नीलगाय रात के वक्त आती हैं और इनकी सब्जियां खाकर चली जाती है. ईटीवी भारत ने इस पूरे इलाके का जायजा लिया. बातचीत में स्थानीय किसान मनोज ने कहा कि सरकार की तरफ से नील गायों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वे कई बार इसको लेकर गुहार लगा चुके हैं. आखिरकार परेशान होकर इन्होंने खुद ही एक उपाय किया और सब्जी की उपज वाले इलाके को चारों तरफ से एक खास तरह की रस्सियों से घेर दिया है.

सब्जी तोड़कर ले जाते किसान
सब्जी तोड़कर ले जाते किसान

मनोज ने बताया कि रस्सी से कुछ हद तक नीलगाय का आतंक कम हुआ है लेकिन यह बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रहा. वहीं, किसानों की समस्या को लेकर जब वन पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव से बात की, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. ऐसे में किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला.

पटना: एक तरफ बिहार के किसान मौसम की मार और लॉक डाउन से बेहाल हैं. दूसरी तरफ रही सही कसर नीलगायों ने पूरी कर दी है. नीलगाय आराम से रात के वक्त आती हैं और इनकी फसलें बर्बाद कर जाती हैं. किसान सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं और इधर वन विभाग इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है.

पटना के दियारा में सब्जी की खेती बहुतायत में होती है. गंगा की गीली मिट्टी होने के कारण इस पूरे भूभाग में हर तरह की सब्जी की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी होती है. विशेष रूप से परवल, बैगन, टमाटर, मिर्च और नैनवा, कद्दू की खेती यहां सैकड़ों किसानों के लिए जीवन यापन का बड़ा साधन है.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

न सिर्फ पटना बल्कि आसपास के कई जिलों में दियारा की सब्जी सड़क और जलमार्ग से सप्लाई होती है. लॉकडाउन के कारण किसानों की आय पर बड़ा असर पड़ा है. इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में आए दिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. और रही सही कसर पूरी कर दी है इस पूरे इलाके में मौजूद नीलगायों ने.

रस्सी से की घेराबंदी
रस्सी से की घेराबंदी

परेशान हैं किसान
किसान बताते हैं कि दियारा इलाके में हजारों की संख्या में नीलगाय हैं. यह नीलगाय रात के वक्त आती हैं और इनकी सब्जियां खाकर चली जाती है. ईटीवी भारत ने इस पूरे इलाके का जायजा लिया. बातचीत में स्थानीय किसान मनोज ने कहा कि सरकार की तरफ से नील गायों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वे कई बार इसको लेकर गुहार लगा चुके हैं. आखिरकार परेशान होकर इन्होंने खुद ही एक उपाय किया और सब्जी की उपज वाले इलाके को चारों तरफ से एक खास तरह की रस्सियों से घेर दिया है.

सब्जी तोड़कर ले जाते किसान
सब्जी तोड़कर ले जाते किसान

मनोज ने बताया कि रस्सी से कुछ हद तक नीलगाय का आतंक कम हुआ है लेकिन यह बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रहा. वहीं, किसानों की समस्या को लेकर जब वन पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव से बात की, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. ऐसे में किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला.

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