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NIA के IG पहुंचे पटना, PFI और गजवा-ए-हिन्द केस की जांच तेज - ETV Bharat

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल की जांच में काफी तेजी आ गयी है. मंगलवार को एनआईए आईजी आशीष बत्रा पटना पहुंचे. उन्होंने बिहार एटीएस के अधिकारियों से अब तक हुई जांच की रिपोर्ट मांगी. पढ़ें पूरी खबर...

NIA IG Ashish Batra
NIA IG Ashish Batra
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Published : Jul 26, 2022, 3:40 PM IST

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) ने जांच शुरू कर दी है. एनएआई आईजी आशीष बत्रा दिल्ली से पटना पहुंच गए हैं. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और गजवा-ए-हिन्द के केस को लेकर उन्होंने बिहार एटीएस के साथ बैठक की.

ये भी पढ़ें - Phulwari Sharif Terror Module: UAPA के तहत केस दर्जकर PFI कनेक्शन की जांच में जुटी NIA

तेजतर्रार IPS अफसर हैं आशीष बत्रा : आशीष बत्रा ने दोनों ही केस में अब तक हुई जांच से जुड़ी जानकारी ली. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. नक्सल अभियान को लेकर झारखंड में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है.

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज: मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए शनिवार को पटना पहुंची है और इससे जुड़ी एटीएस से और बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर अध्ययन कर रही है. यही नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक किए गए कि गिरफ्तार आतंकी कनेक्शन के लोगों को एनआईए फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. एनआईए अब जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों के आधार पर दूसरे राज्यों और देशों के कट्टरपंथियों के साथ उनके संबंधों को खंगालेगी. हालांकि विशेष सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि अब तक यूपी, राजस्थान, कर्नाटक और केरल राज्यों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों से उनके लिंक का पता चला है.


पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच: इसके साथ ही एनआईए 'गजवा ए हिंद' और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए आतंक फैलाने कि उनके मंसूबों और लिंक की तलाश में जुट गई है. एनआईए के अलावे इस मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहले से ही पीएमएलए एक्ट के तहत पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच कर रही है. यही नहीं केंद्रीय एजेंसी मुस्लिम युवाओं को जिहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालयों के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगा रही है. उम्मीद जताई जा रही है उन्हें पैसे दूसरे देशों से हवाला के जरिए पहुंच रही है.

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) ने जांच शुरू कर दी है. एनएआई आईजी आशीष बत्रा दिल्ली से पटना पहुंच गए हैं. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और गजवा-ए-हिन्द के केस को लेकर उन्होंने बिहार एटीएस के साथ बैठक की.

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तेजतर्रार IPS अफसर हैं आशीष बत्रा : आशीष बत्रा ने दोनों ही केस में अब तक हुई जांच से जुड़ी जानकारी ली. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. नक्सल अभियान को लेकर झारखंड में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है.

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में यूएपीए के तहत केस दर्ज: मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए शनिवार को पटना पहुंची है और इससे जुड़ी एटीएस से और बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर अध्ययन कर रही है. यही नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक किए गए कि गिरफ्तार आतंकी कनेक्शन के लोगों को एनआईए फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. एनआईए अब जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों के आधार पर दूसरे राज्यों और देशों के कट्टरपंथियों के साथ उनके संबंधों को खंगालेगी. हालांकि विशेष सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि अब तक यूपी, राजस्थान, कर्नाटक और केरल राज्यों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों से उनके लिंक का पता चला है.


पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच: इसके साथ ही एनआईए 'गजवा ए हिंद' और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए आतंक फैलाने कि उनके मंसूबों और लिंक की तलाश में जुट गई है. एनआईए के अलावे इस मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहले से ही पीएमएलए एक्ट के तहत पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग की जांच कर रही है. यही नहीं केंद्रीय एजेंसी मुस्लिम युवाओं को जिहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालयों के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगा रही है. उम्मीद जताई जा रही है उन्हें पैसे दूसरे देशों से हवाला के जरिए पहुंच रही है.

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