पटनाः बिहार के पटना एम्स में गार्ड द्वारा मरीजों की तीमारदारों के साथ पिटाई मामले पर अब एनएचआरसी ने संज्ञान लिया है. एनएचआरसी ने ये एक्शन ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष व मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर की शिकायत पर लिया है. जानाकरी के मुताबिक एनएचआरसी ने केस डायरी दर्ज कर उसका नंबर भी दफ्तुआर को भेज दिया है.
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एनएचआरसी से की गई थी शिकायतः दरअसल, मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर ने एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्र को न्यूज पेपर में छपी खबरों, फोटो और वायरल वीडियो का हवाला देकर इस मामले में संझान लेने को कहा था. साथ ही उन्होंने आयोग के उच्च अधिकारियों से फोन पर बात भी की थी. जिसके बाद एनएचआरसी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है.
गार्ड और कर्मी के खिलाफ एक्शनः इसके अलावा एम्स प्रबंधन ने भी 5 और 6 अक्टूबर को हुई इन दोनों घटनाओं की जांच के लिए जांच समिति गठित की है, हालांकि इसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. एम्स प्रबंधन ने कर्मियों पर लगे इस आरोप की जांच तक उन्हें सस्पेंड भी कर दिया है. प्रबंधन ने रिपोर्ट आने के बाद पूरी जानकारी देने की बात कही है.
पिटाई का वीडियो हुआ था वायरलः दरअसल पटना एम्स में पिछले दो दिनों बुधवार और गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों द्वारा दो मरीजों के परिजनों की लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई गई थी. इस पिटाई से एक मरीज के परिजन बेहोश हो गए थे, वहीं दूसरे परिजन का सिर फट गया था. इन दोनों घटना के बाद पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि कई सुरक्षाकर्मियों एक मरीज के परिजन को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे हैं.
गार्ड ने परिजन को दौड़ा-दौड़ा कर पीटाः पहली घटना बुधवार रात की है. जहां इमरजेंसी वार्ड में आए सारण के दिघवाड़ा निवासी कैंसर पीड़ित दीपक कुमार के भाई को आधा दर्जन गार्डों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था. इस दौरान वहां मौजूद लोग 'सर मत मारो.. मत मारो' गुहार लगाते रहे. गार्ड का गुस्सा शांत नहीं हुआ. दूसरी घटना गुरुवार को एम्स के ओपीडी में हुई थी. जहां एक्सरे विभाग में सिवान की महिला मरीज अनिता देवी के पति विजेंद्र गुप्ता को गार्ड ने पीटकर उनका सिर फोड़ दिया था. जिसके बाद घायल विजेंद्र गुप्ता के सिर पर कई टांके लगाए गए थे. हालांकि फुलवारी थानाध्यक्ष सफीर आलम ने बताया कि इस मामले में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.
जांच के लिए एम्स प्रशासन ने गठित की कमिटीः वहीं घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया और एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि एम्स में वेंटिलेटर बेड खाली नहीं होने पर कैंसर मरीज दीपक को जगह नहीं मिली थी. जिससे उनके परिजन उग्र हो गए थे, जिसके बाद गार्ड ने उनकी पिटाई कर दी थी. हालांकि एम्स प्रशासन ने इन दोनों घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए कमिटी भी गठित की है. साथ ही इस मामले में संलिप्त पाए गए तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया और गार्ड को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है.