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पटना में आज 'सीता की अग्निपरीक्षा'

आज का दिन पटना की मेयर के लिए अहम है. इसी दौरान तय हो जाएगा कि सीता साहू (Sita Sahu) की कुर्सी जाती है या वह अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहती हैं. मेयर सीता साहू के खिलाफ 29 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है.

sita sahu
सीता साहू
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Published : Aug 6, 2021, 9:03 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 12:20 AM IST

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की राजनीति में शह और मात का खेल जारी है. पिछले दिनों डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के चलते उनकी कुर्सी चली गई. अब मेयर सीता साहू (Sita Sahu) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. आज पटना की मेयर के लिए अहम है. इसी दौरान तय हो जाएगा कि सीता साहू की कुर्सी जाती है या वह अपनी सत्ता बचाने में कामयाब हो जाती हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार के मठ मंदिर होंगे अतिक्रमण मुक्त, भगवान के नाम से जारी होगा स्वामित्व कार्ड: कानून मंत्री

मेयर सीता साहू के खिलाफ 29 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. इससे विपक्षी पार्षद भी अचंभित हैं और सवाल खड़ा कर रहे हैं. वहीं, नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा, 'जिला प्रशासन के सहयोग से आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की पूरी तैयारी है. सभी पार्षदों को नोटिस भेज दिया गया है. जिला प्रशासन से सुरक्षा बल की भी मांग की गई है ताकि चर्चा के दौरान किसी भी तरह का कोई हंगामा ना हो सके.'

इससे पहले भी मेयर के खिलाफ दो बार अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है. दोनों बार उनकी कुर्सी बच गई थी. मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी गुट के पार्षद सवाल खड़ा कर रहे हैं. पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने कहा, 'मेयर सीता साहू ने खुद अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्लानिंग की है ताकि उनकी कुर्सी सुरक्षित रहे.'

"2019 में हमलोगों की तरफ से एक बार उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. धन बल का प्रयोग कर उन्होंने अपनी कुर्सी बचा ली थी. 2020 और 2021 में उनके खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है वह उनकी अपनी साजिश है. यह सब मेयर अपनी कुर्सी बचाने के लिए कर रहीं हैं. उन्हें काम करने से मतलब नहीं है."- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

बता दें कि 2017 में पटना नगर निगम की मेयर बनीं सीता साहू के खिलाफ विपक्षी खेमे के पार्षदों ने 2019 में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जो धराशाई हो गया था. दांव पेंच के जरिए चल रही नगर निगम की राजनीति फिर दिलचस्प मोड़ पर है. डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाए गए मेयर गुट के अविश्वास प्रस्ताव पर 29 पार्षदों के हस्ताक्षर थे. मेयर के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 29 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं.

मेयर के विश्वासपात्र स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य पार्षदों का हस्ताक्षर अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं है. ऐसी स्थिति में इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि स्टैंडिंग कमिटी के ये पार्षद सीधा वोटिंग ही कर दें. शायद इसी समीकरण के चलते मेयर गुट का दावा है कि 55 पार्षदों का समर्थन हमें प्राप्त है. अब देखने वाली बात होगी कि शनिवार को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जिन 29 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं वे चर्चा के दौरान भाग लेते हैं या नहीं.

यह भी पढ़ें- पेगासस और जातीय जनगणना पर JDU का स्टैंड अलग, गठबंधन पर पड़ेगा इसका असर? उपमुख्यमंत्री ने दिया जवाब

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की राजनीति में शह और मात का खेल जारी है. पिछले दिनों डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के चलते उनकी कुर्सी चली गई. अब मेयर सीता साहू (Sita Sahu) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. आज पटना की मेयर के लिए अहम है. इसी दौरान तय हो जाएगा कि सीता साहू की कुर्सी जाती है या वह अपनी सत्ता बचाने में कामयाब हो जाती हैं.

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मेयर सीता साहू के खिलाफ 29 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. इससे विपक्षी पार्षद भी अचंभित हैं और सवाल खड़ा कर रहे हैं. वहीं, नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा, 'जिला प्रशासन के सहयोग से आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की पूरी तैयारी है. सभी पार्षदों को नोटिस भेज दिया गया है. जिला प्रशासन से सुरक्षा बल की भी मांग की गई है ताकि चर्चा के दौरान किसी भी तरह का कोई हंगामा ना हो सके.'

इससे पहले भी मेयर के खिलाफ दो बार अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है. दोनों बार उनकी कुर्सी बच गई थी. मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी गुट के पार्षद सवाल खड़ा कर रहे हैं. पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने कहा, 'मेयर सीता साहू ने खुद अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्लानिंग की है ताकि उनकी कुर्सी सुरक्षित रहे.'

"2019 में हमलोगों की तरफ से एक बार उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. धन बल का प्रयोग कर उन्होंने अपनी कुर्सी बचा ली थी. 2020 और 2021 में उनके खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है वह उनकी अपनी साजिश है. यह सब मेयर अपनी कुर्सी बचाने के लिए कर रहीं हैं. उन्हें काम करने से मतलब नहीं है."- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

बता दें कि 2017 में पटना नगर निगम की मेयर बनीं सीता साहू के खिलाफ विपक्षी खेमे के पार्षदों ने 2019 में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जो धराशाई हो गया था. दांव पेंच के जरिए चल रही नगर निगम की राजनीति फिर दिलचस्प मोड़ पर है. डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाए गए मेयर गुट के अविश्वास प्रस्ताव पर 29 पार्षदों के हस्ताक्षर थे. मेयर के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 29 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं.

मेयर के विश्वासपात्र स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य पार्षदों का हस्ताक्षर अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं है. ऐसी स्थिति में इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि स्टैंडिंग कमिटी के ये पार्षद सीधा वोटिंग ही कर दें. शायद इसी समीकरण के चलते मेयर गुट का दावा है कि 55 पार्षदों का समर्थन हमें प्राप्त है. अब देखने वाली बात होगी कि शनिवार को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जिन 29 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं वे चर्चा के दौरान भाग लेते हैं या नहीं.

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Last Updated : Aug 7, 2021, 12:20 AM IST
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