पटना : बिहार में महागठबंधन वाली नई सरकार (Mahaghatbandhan Government In Bihar) को बने 10 दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन सरकार का नाता विवादों से जुड़ गया है. कानून मंत्री, शिक्षा मंत्री, कृषि मंत्री विवादों में घिर गए हैं. इन नेताओं पर सरकार को जवाब देना मुश्किल हो रहा है. हालांकि हर तरफ से अपनी-अपनी सफाई जरूर दी जा रही है. आज हम आपको बताते हैं कि जिन मंत्रियों के कारण नीतीश कुमार की सरकार सवालों के घेरे में है, आखिर उनपर आरोप क्या हैं.
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सबसे पहले बात करते हैं विवादों में घिरे कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह (Law Minister Kartikeya Kumar Singh)की. कार्तिकेय कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.
मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं.
"मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है"- कार्तिकेय सिंह, कानून मंत्री, बिहार सरकार
"14 जुलाई 2022 को कार्तिकेय सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से अग्रिम जमानत के लिए याचिका कार्तिकेय सिंह की ओर से न्यायालय के सामने दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट का जो आदेश जारी किया गया है, उसके मुताबिक अभी जबतक जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तबतक उनकी गिरफ्तारी पर रोक है. अभी जो जानकारी आ रही है, अगर उस संदर्भ में देखा जाए तो फरारी नहीं कहा जा सकता"- अजय प्रताप शर्मा, शिकायतकर्ता राजू सिंह के वकील
अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.
अब बात करते हैं कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप (Sudhakar singh accused in rice scam) है. जिसके बाद बीजेपी उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा है कि वे इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को गलत बताया है.
क्या है बिहार का चावल घोटाला ? : बता दें कि बिहार के सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है. बिहार में 2013-2014 में चावल घोटाला हुआ था. आरोप है कि सुधाकर सिंह ने चावल जमा नहीं कराया और उसे गबन कर गए. सुधाकर सिंह पर केस भी हुआ. यह केस अभी लंबित है. विवाद बढ़ने पर सुधाकर सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया.
कृषि मंत्री पर लगा 'चावल घोटले' का आरोप : इससे पहले, बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर पर सवाल उठाया. उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल किया कि नये कृषि मंत्री चावल घोटाला मामले में संलिप्त पाए गए है. अगर कृषि मंत्री ही चावल घोटाले में संलिप्त पाये जाते हैं तो बिहार में किसानों का भविष्य कैसा होगा?
आरोपों पर क्या बोले सुधाकर सिंह? : बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर सुधाकर सिंह ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है, मैं सजायाफ्ता तो हूं नहीं. यह 2013 का मामला है तो यह सवाल मुझसे आज क्यों पूछा जा रहा है. इस तरह के केस ज्यादातर राजनेताओं पर होते हैं. अगर कोर्ट मुझे दोषी ठहराता है तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर आरोप : नीतीश कुमार ने मधेपुरा के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री बनाया है. उसपर भी भाजपा हमलावर है. इस बार चंद्रशेखर ने दिग्गज नेता पप्पू यादव को चुनाव में पटखनी दी थी. चंद्रशेखर साल 2019 में 20 फरवरी को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर 10 जिंदा कारतूसों के साथ पकड़े गए थे. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था.
शिक्षा मंत्री की सफाई : बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Education Minister professor Chandra Shekar)ने विकास भवन स्थित अपने सरकारी दफ्तर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद इस प्रकरण पर सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि ये केस हाईकोर्ट में खारिज हो चुका है. मेरे पास पिस्टल का लाइसेंस है. मन में खोट होती तो कोई लाइसेंस होल्डर सिर्फ 10 कारतूस के साथ दिल्ली क्यों जाएगा? वो अपने साथ हथियार लेकर भी जाता.