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डॉ. संजय जायसवाल पर 5 बड़ी जिम्मेदारी, विपक्ष बोला- एक ही जाति के नेताओं की दबदबे वाली पार्टी है BJP

विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है. राष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के अंदर एक ही जाति के नेताओं का दबदबा है. डॉ. संजय जयसवाल भी उन्हीं में से आते हैं.

हम और बीजेपी प्रवक्ता का बयान
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Published : Sep 16, 2019, 11:36 PM IST

पटना: अक्टूबर से पहले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी कर दी है. केंद्र के फैसले ने राजनीतिक पंडितों को एक बार फिर चौंकाया है. केंद्रीय नेतृत्व ने डॉ. संजय जायसवाल की ताजपोशी कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं.

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार में नित्यानंद राय का विकल्प ढूंढ लिया है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के गृह राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद से अध्यक्ष पद को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थी. उम्मीद ये की जा रहा थी कि संगठन के चुनाव के बाद अध्यक्ष पद पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व में संगठन चुनाव से पहले ही फैसला लेकर सभी को चौंकाते हुए डॉ. संजय जायसवाल को बिहार का प्रदेश का अध्यक्ष बनाया.

हम और बीजेपी प्रवक्ता का बयान

पार्टी में एकाधिकार...
फिलहाल, बिहार बीजेपी के समक्ष कई चुनौतियां हैं. पार्टी के अंदर कई गुट हैं और पार्टी को नीतीश कुमार के अत्यंत पिछड़ा कार्ड का जवाब भी देना है. केंद्रीय नेतृत्व ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती थी, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनकी पृष्ठभूमि रही हो. पार्टी में लंबे समय से कुछ प्रदेश स्तर के नेताओं का एकाधिकार है. वह भी केंद्रीय नेतृत्व को गंवारा नहीं है. ऐसे में मंथन के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बेतिया से सांसद पर दांव लगाया.

डॉ. जायसवाल पर बड़ी जिम्मेदारी...
संजय जायसवाल तीसरी बार सांसद बने हैं और इनके पिता भी बेतिया से सांसद रह चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का संजय जयसवाल पर इतना भरोसा है कि उनपर पांच पदों की जिम्मेदारी है.

नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में डॉ. संजय जायसवाल की ताजपोशी पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है. राष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के अंदर एक ही जाति के नेताओं का दबदबा है. डॉ. संजय जयसवाल भी उन्हीं में से आते हैं.

बीजेपी ने दी सफाई...
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है. पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख ने कहा है कि हमारी पार्टी न तो जातिवादी राजनीति करती है न ही संप्रदाय वाद से हमारा कोई सरोकार है. बीजेपी में कार्यकर्ताओं का मनोनयन होता है और संजय जायसवाल पुराने कार्यकर्ता हैं. केंद्र के फैसले को कार्यकर्ताओं ने हाथों हाथ लिया है.

पटना: अक्टूबर से पहले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी कर दी है. केंद्र के फैसले ने राजनीतिक पंडितों को एक बार फिर चौंकाया है. केंद्रीय नेतृत्व ने डॉ. संजय जायसवाल की ताजपोशी कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं.

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार में नित्यानंद राय का विकल्प ढूंढ लिया है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के गृह राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद से अध्यक्ष पद को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थी. उम्मीद ये की जा रहा थी कि संगठन के चुनाव के बाद अध्यक्ष पद पर फैसला लिया जाएगा. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व में संगठन चुनाव से पहले ही फैसला लेकर सभी को चौंकाते हुए डॉ. संजय जायसवाल को बिहार का प्रदेश का अध्यक्ष बनाया.

हम और बीजेपी प्रवक्ता का बयान

पार्टी में एकाधिकार...
फिलहाल, बिहार बीजेपी के समक्ष कई चुनौतियां हैं. पार्टी के अंदर कई गुट हैं और पार्टी को नीतीश कुमार के अत्यंत पिछड़ा कार्ड का जवाब भी देना है. केंद्रीय नेतृत्व ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती थी, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनकी पृष्ठभूमि रही हो. पार्टी में लंबे समय से कुछ प्रदेश स्तर के नेताओं का एकाधिकार है. वह भी केंद्रीय नेतृत्व को गंवारा नहीं है. ऐसे में मंथन के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बेतिया से सांसद पर दांव लगाया.

डॉ. जायसवाल पर बड़ी जिम्मेदारी...
संजय जायसवाल तीसरी बार सांसद बने हैं और इनके पिता भी बेतिया से सांसद रह चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का संजय जयसवाल पर इतना भरोसा है कि उनपर पांच पदों की जिम्मेदारी है.

नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में डॉ. संजय जायसवाल की ताजपोशी पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है. राष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के अंदर एक ही जाति के नेताओं का दबदबा है. डॉ. संजय जयसवाल भी उन्हीं में से आते हैं.

बीजेपी ने दी सफाई...
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है. पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख ने कहा है कि हमारी पार्टी न तो जातिवादी राजनीति करती है न ही संप्रदाय वाद से हमारा कोई सरोकार है. बीजेपी में कार्यकर्ताओं का मनोनयन होता है और संजय जायसवाल पुराने कार्यकर्ता हैं. केंद्र के फैसले को कार्यकर्ताओं ने हाथों हाथ लिया है.

Intro:अक्टूबर माह से पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बिहार प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी कर दी है केंद्र के फैसले ने राजनीतिक पंडितों को एक बार फिर चौंकाया है केंद्रीय नेतृत्व ने डॉक्टर संजय जयसवाल की ताजपोशी कर एक तीर से कई निशाना साधा है ।


Body:भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार में नित्यानंद राय का विकल्प ढूंढ लिया है वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के गृह राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद से अध्यक्ष पद को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी उम्मीद यह किया जा रहा था कि संगठन के चुनाव के बाद अध्यक्ष पद पर फैसला लिया जाएगा लेकिन केंद्रीय नेतृत्व में संगठन चुनाव से पहले ही फैसला ले कर सबको चौंका दिया संजय जयसवाल को बिहार प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया ।
फिलहाल बिहार भाजपा के समक्ष कई चुनौतियां है पार्टी के अंदर कई गुट हैं और पार्टी को नीतीश कुमार के अत्यंत पिछड़ा कार्ड का जवाब भी देना है केंद्रीय नेतृत्व ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती थी जिसकी छवि साफ-सुथरी हो और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनकी पृष्ठभूमि रहे हो । बिहार भाजपा में लंबे समय से कुछ प्रदेश स्तर के नेताओं का एकाधिकार है वह भी केंद्रीय नेतृत्व को गवारा नहीं है मंथन के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बेतिया से सांसद अमित शाह पर दाव लगाया ।



Conclusion:संजय जायसवाल तीसरी बार सांसद हैं और इनके पिता भी बेतिया से सांसद रह चुके हैं अमित शाह नरेंद्र मोदी का संजय जयसवाल में इतना भरोसा है कि वह फिलहाल पांच पदों को संभाल रहे हैं संजय जयसवाल सांसद होने के अलावा भाजपा के मुख्य सचेतक भी हैं इसके अलावा जल संसाधन के संसदीय समिति में अध्यक्ष हैं एम्स के शासी निकाय में वह सदस्य हैं।
नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में संजय जयसवाल की ताजपोशी पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि भाजपा के कथनी और करनी में फर्क है राष्ट्र की राजनीति में भाजपा के अंदर एक ही जाति के नेताओं का दबदबा है और संजय जयसवाल भी उसी समोसे आते हैं ।
भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख ने कहा है कि हमारे पार्टी ना तो जातिवादी राजनीति करती है ना ही संप्रदाय वाद से हमारा कोई सरोकार है। भाजपा में कार्यकर्ताओं का मनोनयन होता है और संजय जायसवाल पुराने कार्यकर्ता हैं और केंद्र के फैसले को कार्यकर्ताओं ने हाथों हाथ लिया है ।
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