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पेट में मरा हुआ बच्चा लेकर इलाज के लिए ठोकरें खा रही बेबस मां, अस्पताल प्रशासन बेपरवाह

PMCH के उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर ने कहा कि मुझे इस बात कि जानकारी नहीं मिली है. जानकारी होने पर कार्रवाई होगी.

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Published : Jun 7, 2019, 4:54 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 5:40 PM IST

पीएमसीएच

पटना: पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. मामला पीएमसीएच के प्रसूति विभाग का है, जहां बेतिया जिले से आयी एक प्रसूति मरीज पेट में मरे हुए बच्चे को लेकर 4 दिनों से कराह रही है. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. महिला को अल्ट्रासाउंड कराने को कहा गया. पैसा नहीं रहने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. नतीजतन महिला का इलाज अभी तक नहीं हो सका है.

परिजन और पीएमसीएच उपाधीक्षक का बयान

परिजन अनहोनी को लेकर हैं परेशान
बेतिया जिले से आयी प्रसूति मरीज उर्मिला देवी पेट में मरे हुए बच्चे के गम से बार-बार बेहोश हो रही है. वहीं परिजन किसी भी अनहोनी को लेकर परेशान हैं. इस पूरे मामले में पीएमसीएच के उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर ने कहा कि उन्हें इस बात कि जानकारी नहीं मिली है. जानकारी होने पर कार्रवाई होगी. प्रसूति का इलाज होना जरूरी है.

स्वास्थ्य में सुधार के तमाम दावे हो रहे हैं फेल
बहरहाल, मरे हुए बच्चे को पेट मे लेकर चार दिनों से कराहती मां का दर्द भले ही अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी को नहीं मालूम हो रहा हो. अगर महिला के पेट से मरे बच्चे को जल्द नहीं निकाला गया, तो यह महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. एक तरफ सरकार गरीबों को सस्ते और बेहतर इलाज का दावा करती है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मियों की ये लापरवाही मरीजों की जान से खिलवाड़ है. साथ ही इस तरह का रवैया सरकार के तमाम दावों की हवा निकालने के लिए काफी है.

पटना: पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. मामला पीएमसीएच के प्रसूति विभाग का है, जहां बेतिया जिले से आयी एक प्रसूति मरीज पेट में मरे हुए बच्चे को लेकर 4 दिनों से कराह रही है. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. महिला को अल्ट्रासाउंड कराने को कहा गया. पैसा नहीं रहने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. नतीजतन महिला का इलाज अभी तक नहीं हो सका है.

परिजन और पीएमसीएच उपाधीक्षक का बयान

परिजन अनहोनी को लेकर हैं परेशान
बेतिया जिले से आयी प्रसूति मरीज उर्मिला देवी पेट में मरे हुए बच्चे के गम से बार-बार बेहोश हो रही है. वहीं परिजन किसी भी अनहोनी को लेकर परेशान हैं. इस पूरे मामले में पीएमसीएच के उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर ने कहा कि उन्हें इस बात कि जानकारी नहीं मिली है. जानकारी होने पर कार्रवाई होगी. प्रसूति का इलाज होना जरूरी है.

स्वास्थ्य में सुधार के तमाम दावे हो रहे हैं फेल
बहरहाल, मरे हुए बच्चे को पेट मे लेकर चार दिनों से कराहती मां का दर्द भले ही अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी को नहीं मालूम हो रहा हो. अगर महिला के पेट से मरे बच्चे को जल्द नहीं निकाला गया, तो यह महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. एक तरफ सरकार गरीबों को सस्ते और बेहतर इलाज का दावा करती है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मियों की ये लापरवाही मरीजों की जान से खिलवाड़ है. साथ ही इस तरह का रवैया सरकार के तमाम दावों की हवा निकालने के लिए काफी है.

Intro: संवेदनहीनता:-
चार दिन से पेट में मरा हुआ बच्चा लेकर कराह रही है एक प्रसुति मां,नहीं जग रही चिकित्सकों कि संवेदना

पटना से शशि तुलस्यान कि रिपोर्ट


Body:सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच जिसे सरकार ने सुपरस्पेशलिटी का दर्जा दिया है,और जहाँ मुफ्त एवं बेहतर ईलाज का दावा किया जाता है,लेकिन आये दिन चिकित्सकों कि संवेदनहीनता देखने को मिलता है,ऐसे में एक बार फिर एक संवेदनहीनता का मामला आया है ,मामला पीएमसीएच स्थित प्रसुति विभाग का है,जहाँ बेतिया जिले से आये एक प्रसुति मरीज जो पेट मे मरे हुए बच्चे को लेकर चार दिनों से कराह रही है बावजूद ड्यूटी पर लगे चिकित्सक इसकी सुधी नहीं ले रहे,वहीं अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर पैसा मांगा गया, पैसा नही रहने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका,नतीजतन उसका इलाज अभी तक नहीं हो सका है
बेतिया जिले से आये प्रसुति मरीज उर्मिला देवी जिसके पेट मे मरे हुए बच्चे गम से बार बार बेहोश हो रही है,वहीं परिजनों के बिच अनहोनी को लेकर परेशान है


Conclusion:इस पुरे मामले में पीएमसीएच के उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर ने कहा कि मुझे इस बात कि जानकारी नहीं मिली है,जानकारी होने पर कारवाई होगी,प्रसुति का इलाज होना जरूरी है
बहरहाल मरे हुए बच्चे को पेट मे लेकर चार दिनो से कराहती मां का दर्द भले ही अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी को नहीं मालूम हो रहा हो लेकिन इस सिस्टम को झकझोर देने वाला यह वाक्या स्वास्थ्य मे सुधार के तमाम दावे को आईना दिखा रहा है,एक तरफ सरकार गरीबों को सस्ते और बेहतर इलाज का दावा करते है लेकिन वहीं स्वास्थ्य कर्मियों कि लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण आम आवाम परेशान है



बाईट:-- अखिलेश पांडेय, पिडित
बाईट:-रंजीत जैमुआर, उपाधीक्षक,पीएमसीएच
Last Updated : Jun 7, 2019, 5:40 PM IST
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