पटना: पीएमसीएच में एक बार फिर संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. मामला पीएमसीएच के प्रसूति विभाग का है, जहां बेतिया जिले से आयी एक प्रसूति मरीज पेट में मरे हुए बच्चे को लेकर 4 दिनों से कराह रही है. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. महिला को अल्ट्रासाउंड कराने को कहा गया. पैसा नहीं रहने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. नतीजतन महिला का इलाज अभी तक नहीं हो सका है.
परिजन अनहोनी को लेकर हैं परेशान
बेतिया जिले से आयी प्रसूति मरीज उर्मिला देवी पेट में मरे हुए बच्चे के गम से बार-बार बेहोश हो रही है. वहीं परिजन किसी भी अनहोनी को लेकर परेशान हैं. इस पूरे मामले में पीएमसीएच के उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर ने कहा कि उन्हें इस बात कि जानकारी नहीं मिली है. जानकारी होने पर कार्रवाई होगी. प्रसूति का इलाज होना जरूरी है.
स्वास्थ्य में सुधार के तमाम दावे हो रहे हैं फेल
बहरहाल, मरे हुए बच्चे को पेट मे लेकर चार दिनों से कराहती मां का दर्द भले ही अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी को नहीं मालूम हो रहा हो. अगर महिला के पेट से मरे बच्चे को जल्द नहीं निकाला गया, तो यह महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. एक तरफ सरकार गरीबों को सस्ते और बेहतर इलाज का दावा करती है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मियों की ये लापरवाही मरीजों की जान से खिलवाड़ है. साथ ही इस तरह का रवैया सरकार के तमाम दावों की हवा निकालने के लिए काफी है.