पटनाः बिहार की राजनीति (Bihar Politics) का रूख इन दिनों पोस्टर के जरिए तय हो रहा है. सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच जारी सियासत के बीच अब राजद (RJD) ही दो खेमों में बंटा दिख रहा है. पहले तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की ओर से लगाए गए पोस्टर से तेजस्वी यादव गायब कर दिए गए, फिर इसके बाद तेजस्वी खेमे ने तेजप्रताप यादव को आउट कर दिया. इसके बाद एनडीए (NDA) ने नेताओं ने चुटकी ली है.
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"राजद में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. तेजप्रताप यादव तेजस्वी यादव को लड़ाई नहीं मानते हैं और न ही तेजस्वी यादव तेजप्रताप यादव को. परिवार के अंदर में पहले से ही कलह है. राजद में तो पुराने नेताओं का भी सम्मान नहीं होता है. उनके खिलाफ लगातार असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. जगदानंद सिंह का वहां अपमान किया जा रहा है. अभी तो पोस्टर पर ही कालिख पोता जा रहा है, कुछ दिनों में देखिएगा तेजस्वी यादव के लोग तेजप्रताप को पकड़कर मुंह में कालिख पोत देंगे और तेजप्रताप के लोग तेजस्वी के मुंह में कालिख पोतने का काम करेंगे."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
"जैसा करिएगा, वैसा भरिएगा. पार्टी के संस्थापक लालू प्रसाद को जब विधानसभा चुनाव के दौरान उनके छोटे बेटे ने पोस्टर से गायब कर दिया, तो बड़ा बेटा के जब मौका मिला तो अपने छोटे भाई को गायब कर दिया. जस करनी तस भोगही विधाता. लेकिन इस पूरे मामले पर लालू प्रसाद यादव चुप क्यों हैं. यह दिखाता है कि लालू यादव या तो इसकी सहमति दे रहे हैं, या वे लाचार हैं. जनता को इसपर सहमति देनी चाहिए."- नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता
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दरअसल, तेज प्रताप यादव की ओर से हाल ही में राजद कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था. चर्चा इस बात की नहीं थी कि पोस्टर लगाया है, चर्चा इस बात की तेज हो गई कि इस पोस्टर से तेजस्वी यादव गायब हो गए. बाद में पोस्टर में जगह पाए छात्र राजद अध्यक्ष आकाश यादव के मुंह पर कालिख पोत दी गई.
फिर उस पोस्टर को वहां से हटा दिया गया. कहानी की पटकथा यहां नहीं बल्कि बहुत ही लिखी जा चुकी थी. जानकार बताते हैं कि बीते 11 जून को पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर लगाए गए पोस्टरों में तेजप्रताप की तस्वीर नहीं थी. इसके बाद से तेजप्रताप यादव नाराज बताए जा रहे थे. ऐसे में बिना तेजस्वी यादव के जारी किए गया पोस्टर एक तरह का सियासी बदला माना जा रहा है.