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छपरा जहरीली शराबकांड: NCPCR ने भी बिहार मुख्य सचिव को लिखा पत्र, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

छपरा जहरीली शराबकांड (Chapra Hooch Tragedy) को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी बिहार सरकार को घेरने में लगी है. खासकर भारतीय जनता पार्टी बिहार सीएम नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) जमकर हमला बोल रही है. इसी क्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को लेटर लिखा है और मामले को लेकर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी
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Published : Dec 23, 2022, 9:55 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 10:16 PM IST

पटना: छपरा जहरीली शराब मौत मामले में पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पत्र लिखा था और आयोग की टीम ने छपरा जहरीली शराब कांड को लेकर बिहार का भी दौरा किया. घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार के परिजनों से पूरी इंक्वायरी की. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बाद अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission For Protection of Child Rights) ने भी बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि विभिन्न समाचार माध्यमों से मिली जानकारी के अनुसार जहरीली शराब से बहुत से बच्चे अनाथ हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- छपरा शराबकांड में बड़ा खुलासा: होम्योपैथी दवा से बनी थी शराब, 5 गिरफ्तार

NCPCR ने मुख्य सचिव को लिखा लेटर : मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि जहरीली शराब से बहुत से बच्चे अनाथ हो गए हैं. उन बच्चों के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसके बारे में पूरी रिपोर्ट 15 दिनों में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी पत्र लिखकर 15 दिन में बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. हालांकि आयोग की टीम ही यहां पहुंच गई, जिसको लेकर सरकार और महागठबंधन के दल विरोध जता रहे हैं. अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से भी रिपोर्ट मांगी गई है. देखना है इस पर सरकार बिहार सत्तारूढ़ दल का क्या रुख होता है.

संजय मयूख ने NCPCR को सौंपा ज्ञापन : गौरतलब है कि छपरा जहरीली शराबकांड पर बिहार में सियासत (Bihar Hooch Tragedy) रूकने का नाम नहीं ले रही है. मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है. इसी क्रम में आज बीजेपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) में जाकर ज्ञापन (Sanjay Mayukh Submitted Memorandum To NCPC) दिया है. और आयोग से मांग की है कि छपरा में जहरीली शराब कांड (Chapra Spurious Liquor Case) में जो मृतक के परिजन है, खास करके जो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी हालात पर आयोग संज्ञान ले. क्योंकि कई ऐसे परिवार हैं, जहां पर छोटे-छोटे बच्चे ही है और उनकी हालत खराब होती जा रही है. चूंकि राज्य सरकार कोई मुआवजा नहीं दे रही है तो उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन और खराब होती चली जा रही है.

छपरा में जहरीली शराबकांड में अब तक 73 लोगों की मौत : बता दें कि छपरा के मशरख में जहरीली शराब पीने से अब तक 73 लोगों की मौत (Death due to alcohol in Bihar) हो चुकी है. इस मामले के सामने आने के बाद पूरे बिहार में खलबली मची है. छपरा शराब त्रासदी को लेकर एक विशेष टीम गठित कर पूरे मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. वहीं पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है. एडीजी के बयान से साफ होता दिख रहा है कि लोगों को जो शराब दी गई थी वह जानलेवा थी. एडीजी ने साफ कर दिया है कि शराब निर्माण में दूसरे केमिकल का इस्तेमाल हुआ है लेकिन फिलहाल विसरा रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है.

पटना: छपरा जहरीली शराब मौत मामले में पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पत्र लिखा था और आयोग की टीम ने छपरा जहरीली शराब कांड को लेकर बिहार का भी दौरा किया. घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार के परिजनों से पूरी इंक्वायरी की. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बाद अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission For Protection of Child Rights) ने भी बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि विभिन्न समाचार माध्यमों से मिली जानकारी के अनुसार जहरीली शराब से बहुत से बच्चे अनाथ हो गए हैं.

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NCPCR ने मुख्य सचिव को लिखा लेटर : मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि जहरीली शराब से बहुत से बच्चे अनाथ हो गए हैं. उन बच्चों के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसके बारे में पूरी रिपोर्ट 15 दिनों में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी पत्र लिखकर 15 दिन में बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. हालांकि आयोग की टीम ही यहां पहुंच गई, जिसको लेकर सरकार और महागठबंधन के दल विरोध जता रहे हैं. अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से भी रिपोर्ट मांगी गई है. देखना है इस पर सरकार बिहार सत्तारूढ़ दल का क्या रुख होता है.

संजय मयूख ने NCPCR को सौंपा ज्ञापन : गौरतलब है कि छपरा जहरीली शराबकांड पर बिहार में सियासत (Bihar Hooch Tragedy) रूकने का नाम नहीं ले रही है. मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है. इसी क्रम में आज बीजेपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (National Child Protection Commission) में जाकर ज्ञापन (Sanjay Mayukh Submitted Memorandum To NCPC) दिया है. और आयोग से मांग की है कि छपरा में जहरीली शराब कांड (Chapra Spurious Liquor Case) में जो मृतक के परिजन है, खास करके जो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी हालात पर आयोग संज्ञान ले. क्योंकि कई ऐसे परिवार हैं, जहां पर छोटे-छोटे बच्चे ही है और उनकी हालत खराब होती जा रही है. चूंकि राज्य सरकार कोई मुआवजा नहीं दे रही है तो उनकी आर्थिक स्थिति दिन ब दिन और खराब होती चली जा रही है.

छपरा में जहरीली शराबकांड में अब तक 73 लोगों की मौत : बता दें कि छपरा के मशरख में जहरीली शराब पीने से अब तक 73 लोगों की मौत (Death due to alcohol in Bihar) हो चुकी है. इस मामले के सामने आने के बाद पूरे बिहार में खलबली मची है. छपरा शराब त्रासदी को लेकर एक विशेष टीम गठित कर पूरे मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. वहीं पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है. एडीजी के बयान से साफ होता दिख रहा है कि लोगों को जो शराब दी गई थी वह जानलेवा थी. एडीजी ने साफ कर दिया है कि शराब निर्माण में दूसरे केमिकल का इस्तेमाल हुआ है लेकिन फिलहाल विसरा रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है.

Last Updated : Dec 23, 2022, 10:16 PM IST
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