पटना: बिहार सरकार की नई शिक्षक भर्ती नियमावली पर सियासत तेज हो गयी है. राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने नियमावली को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोला है. भाजपा नेता ने कहा है कि नई शिक्षक भर्ती नियमावली शिक्षकों के हितों के खिलाफ है. नवल किशोर यादव ने कहा कि एक ही विद्यालय में 3 तरह के शिक्षक होंगे. उनके लिए तीन नियमावली भी होगी. सरकार का यह कैसा फरमान है.
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"मैं इस छलावा नियमावली का पुरजोर विरोध करता हूंं. इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक शिक्षकों के साथ खड़ा रहूंगा. सरकार को हर हाल में नई शिक्षक भर्ती नियमावली को वापस लेना होगा, नहीं तो अभ्यर्थी और शिक्षक सड़क से लेकर सदन तक हंगामा करेंगे. सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी. मुख्यमंत्री के लिए बिहार में भ्रमण करना भी मुश्किल होगा"- नवल किशोर यादव, एमएलसी, भाजपा
नियमावली से एक नए संवर्ग का जन्मः भाजपा नेता ने कहा कि नई नियमावली पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के साथ धोखा. TET/STET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए भी छलावा है. पूर्व से कार्यरत शिक्षक सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे कि नई नियमावली के साथ ही उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा. सत्तारूढ़ दल द्वारा समान काम, समान वेतन और पुरानी पेंशन देने के लिए गए चुनावी वायदे को सरकार पूरा करे. नई नियमावली से एक नए संवर्ग का जन्म हो गया. पूर्व से जो 9 हजार से अधिक नियोजन इकाइयां थीं वह पूर्ववत बनी ही रह गई तो इस नियमावली से किसी को क्या फायदा होगा.
जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगेः नवल किशोर यादव ने कहा कि जो TET और CTET उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं उन्होंने जब B.Ed का एंट्रेंस एग्जाम दिया तब उनका नामांकन B.Ed में हुआ फिर B.Ed में उन्होंने दो बार परीक्षा दी तब जाकर वह B.Ed पास किए. B.Ed पास करने के बाद TET और CTET जैसा कंपटीशन पास करके बहाली की प्रतीक्षा कर रहे थे, अब उन्हें फिर एक नई परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा. बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे.