पटना: भाकपा माले के 11वें महाधिवेशन के दूसरे दिन श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल (CPIML convention at Shri Krishna Memorial Hall) में फासीवाद विरोधी और राष्ट्रीय परिस्थितियों के मसौदा प्रस्ताव पर गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया. इन प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित किया गया. इस मौके पर भाकपा माले ने वामदलों की अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को प्रदर्शित किया. इस सत्र में वेनेजुएला, नेपाल, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, फिलिस्तीन और बांग्लादेश के विभिन्न संगठनों ने सहयोग और समर्थन देने की बात कही.
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मुख्य चैलेंज फासीवाद का हमला: भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि वाम दलों के बीच में एक बेहतर कोआर्डिनेशन बन रहा है. लेकिन अभी मुख्य चैलेंज फासीवाद का हमला है. देश में असमानता का नया इतिहास रचा जा रहा है. आज वैचारिक लड़ाई हो या राजनीतिक लड़ाई वाम दलों के पास एक बड़ा मौका है, अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए. आम जनता के सवालों को वामदल ही मजबूती से उठाते हैं. वे लोग गरीबों आदिवासियों और शोषितों के जीवन की आवाज को उठाते हैं. उन्होंने कहा कि आज भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता में वाम दल सेंटर में है.
चीन को निमंत्रण नहींः धीरेंद्र झा ने कहा कि अब तक का भाकपा माले का सबसे बड़ा महाधिवेशन हो रहा है. इसमें दर्जनों देशों से वाम संगठनों के प्रतिनिधि आए हैं. कई देशों ने अपने शुभकामना संदेश भेजा है. चीन को उन लोगों ने निमंत्रण नहीं दिया क्योंकि कहने को वहां वामपंथ है लेकिन पूंजीपति विचारधारा को वहां पोषित किया जा रहा है. चीन के निजाम की विचारधारा से वे लोग संबद्धता नहीं रखते, इसलिए चीन को उन लोगों ने निमंत्रण नहीं भेजा. पाकिस्तान और श्रीलंका के डेलिगेट्स वीजा क्लीयरेंस नहीं होने की वजह से यहां शामिल नहीं हो पाए हैं. यूक्रेन से भी प्रतिनिधि आए हुए हैं.
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भाईचारे और एकता की आवश्यकता: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने कहा कि भाईचारे और एकता की पूरे विश्व में आवश्यकता है. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेपाल की भी बड़ी भूमिका रही है. महाअधिवेशन के दूसरे दिन दूसरे सत्र में अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति, जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण पर कॉमरेड अभिजीत मजूमदार ने प्रस्ताव पेश किया. इस कार्यक्रम में श्रीलंका की प्रतिनिधि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया.
"वाम दलों के बीच में एक बेहतर कोआर्डिनेशन बन रहा है. लेकिन अभी मुख्य चैलेंज फासीवाद का हमला है. आज भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता में वाम दल सेंटर में है. चुनाव लड़ना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि कैसे भाजपा को 2024 में सत्ता से बेदखल किया जाए"- धीरेंद्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य, भाकपा माले