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'मैनेजमेंट की पढ़ाई कर खुद को बनाएं इतना काबिल कि दूसरों को दे सकें नौकरी'

पटना में ग्लोबल मैनेजमेंट रिसर्च और शिक्षा की चुनौती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के नामचीन शिक्षाविदों ने शिरकत की और मैनेजमेंट के छात्रों से रू-ब-रू हुए.

राष्ट्रीय सम्मेलन
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Published : Aug 10, 2019, 4:54 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 5:09 PM IST

पटनाः शहर के मशहूर इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनजेमेंट संस्थान में शुक्रवार को दो दिवसीय गोमरेका 2019 का अयोजन किया गया. ग्लोबल मैनेजमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन की चुनौती और अवसर विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 15 राज्यों से आए शिक्षाविदों ने शिरकत की. सम्मेलन में प्रबंधन के क्षेत्र में क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इस पर चर्चा की गई.

रिसर्च और पढ़ाई की स्थिति पर चर्चा
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह और मथुरा संस्कृत विश्विद्यालय के कुलपति डॉ राणा सिंह ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर आए वक्ताओं ने प्रबंधन के क्षेत्र में रिसर्च और पढ़ाई की क्या स्थिति है इस पर चर्चा की. इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन देवल सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए जो विषय हमने चुना है, उस बारे में आज कोई बात नहीं करता. इसलिए इस क्षेत्र में क्या-क्या बदलाव किए जाए इस पर चर्चा होना बहुत जरूरी है. ऐसे सम्मेलन से छात्र छात्राओं को भी काफी फायदा मिलेगा.

राष्ट्रीय सम्मेलन में मौजूद शिक्षाविद और छात्र- छात्राएं

'छात्र अपने देश में ही रहकर करें रिसर्च'
कार्यक्रम में शामिल पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि आज प्रबंधन के क्षेत्र में संस्थानों की संख्या काफी बढ़ रही है. लेकिन कोई भी रिसर्च के बारे में बात नहीं करना चाहता, न ही छात्र अपने देश में रहकर यहां की समस्याओं पर रिसर्च करना चाहते हैं. कुलपति ने कहा कि जो भी छात्र पास आउट होते हैं वो भारत के बजाय विदेशों में जाकर रिसर्च और काम करना चाहते हैं. जबकि उन्हें भारत में रहकर अपने देश के लिए काम करना चाहिए.

national conference
राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते पीयू के कुलपति रास बिहारी सिंह.

'सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं करें पढ़ाई'
कुलपति ने ये भी कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में जो भी शिक्षाविद और वक्ता आए हैं, उन्हें छात्र-छात्राओं को जोर देकर बताना चहिए कि वो कैसे यहां रहकर अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं. साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि प्रबंधन की पढ़ाई सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं करें बल्कि खुद को इस लायक बनायें कि वो दूसरों को नौकरी दे सकें.

पटनाः शहर के मशहूर इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनजेमेंट संस्थान में शुक्रवार को दो दिवसीय गोमरेका 2019 का अयोजन किया गया. ग्लोबल मैनेजमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन की चुनौती और अवसर विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 15 राज्यों से आए शिक्षाविदों ने शिरकत की. सम्मेलन में प्रबंधन के क्षेत्र में क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इस पर चर्चा की गई.

रिसर्च और पढ़ाई की स्थिति पर चर्चा
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह और मथुरा संस्कृत विश्विद्यालय के कुलपति डॉ राणा सिंह ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर आए वक्ताओं ने प्रबंधन के क्षेत्र में रिसर्च और पढ़ाई की क्या स्थिति है इस पर चर्चा की. इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन देवल सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए जो विषय हमने चुना है, उस बारे में आज कोई बात नहीं करता. इसलिए इस क्षेत्र में क्या-क्या बदलाव किए जाए इस पर चर्चा होना बहुत जरूरी है. ऐसे सम्मेलन से छात्र छात्राओं को भी काफी फायदा मिलेगा.

राष्ट्रीय सम्मेलन में मौजूद शिक्षाविद और छात्र- छात्राएं

'छात्र अपने देश में ही रहकर करें रिसर्च'
कार्यक्रम में शामिल पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि आज प्रबंधन के क्षेत्र में संस्थानों की संख्या काफी बढ़ रही है. लेकिन कोई भी रिसर्च के बारे में बात नहीं करना चाहता, न ही छात्र अपने देश में रहकर यहां की समस्याओं पर रिसर्च करना चाहते हैं. कुलपति ने कहा कि जो भी छात्र पास आउट होते हैं वो भारत के बजाय विदेशों में जाकर रिसर्च और काम करना चाहते हैं. जबकि उन्हें भारत में रहकर अपने देश के लिए काम करना चाहिए.

national conference
राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते पीयू के कुलपति रास बिहारी सिंह.

'सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं करें पढ़ाई'
कुलपति ने ये भी कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में जो भी शिक्षाविद और वक्ता आए हैं, उन्हें छात्र-छात्राओं को जोर देकर बताना चहिए कि वो कैसे यहां रहकर अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं. साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि प्रबंधन की पढ़ाई सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं करें बल्कि खुद को इस लायक बनायें कि वो दूसरों को नौकरी दे सकें.

Intro:पटना के इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनजेमेंट संस्थान में शुक्रवार को दो दिवसीय गोमरेका 2019 का अयोजन किया गया। ग्लोबल मैनेजमेंट रिसर्च एंड एडुकेशन की चुनौती और अवसर विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के 15 राज्यो से शिक्षाविदों को बुलाया गया जो छात्रों को प्रबंधन के क्षेत्र में क्या बदलाव हो इसके बारे में बताएंगे।


Body:इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह और मथुरा संस्कृत विश्विद्यालय के कुलपति डॉ राणा सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर आए वक्ताओं ने प्रबंधन के क्षेत्र में रिसर्च और पढ़ाई की क्या स्थिति है और इसमें क्या बदलाव किए जा सकते है इसपर चर्चा की। इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन देवल सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए जो विषय हमने चुना है उस बारे में आज कोई बात नही करता इसलिए इस क्षेत्र में क्या क्या बदलाव किए जाए इसपर चर्चा होने बहुत जरूरी है और ऐसे सम्मेलन से छात्र छात्राओं को भी काफी फायदा मिलेगा।


Conclusion:कार्यक्रम में शामिल पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि आज प्रबंधन के क्षेत्र में संस्थानों की संख्या काफी बढ़ रही है पर कोई भी रिसर्च के बारे में बात नही करना चाहता और न ही छात्र ही अपने देश मे रहकर यहां की समस्याओं पर रिसर्च करना चाहते है। कुलपाति ने कहा कि जो भी छात्र पासआउट होते है वो भारत की बजाय विदेशो में जाकर रिसर्च और काम करना चाहते है जबकि उन्हें भारत मे रहकर अपने देश के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में जो भी शिक्षाविद और वक्ता आये है उन्हें छात्र छात्राओं को जोर देकर बताए कि वो कैसे यहां रहकर अपनी प्रतिभा को निखारते हुए देश के काम मे ला सकते है। साथ ही उन्हें ये भी बताए कि प्रबंधन की पढ़ाई सिर्फ नौकरी पाने के लिए नही करें बल्कि खुद को इस लायक बनाये कि वो दुसरो को नौकरी दे सके।
बाईट - देवल सिंह - चेयरमैन - आइएसएम पटना
बाईट - रास बिहारी सिंह - कुलपति - पटना विश्वविद्यालय

कुणाल सिंह...ईटीवी भारत...पटना
Last Updated : Aug 10, 2019, 5:09 PM IST
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