पटना: देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में से पीयू ऐसा पहला विश्वविद्यालय है जहां नैक मूल्यांकन के नियमों के बदलाव के बाद कई स्तरों पर मूल्यांकन होगा. इसके लिए सात सदस्य नैक की टीम विश्वविद्यालय पहुंच चुकी है. यह मुल्यांकन कार्य 21 से 24 जुलाई तक चलेगा.
24 जुलाई तक होगा मूल्यांकन
इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के तरफ से सभी सिंडिकेट सदस्य और विभिन्न विभागों का प्रजेंटेशन दिया गया. 24 जुलाई तक नैक की टीम विभिन्न बिंदुओं पर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करेगी.
एलुमिनाई छात्रों का फीडबैक होगा अहम
नैक एक्रीडिटेशन के 70 फीसद अंक विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध जानकारी के आधार पर निर्धारित है. जबकि 30 फीसद अंक की मार्किंग अन्य मानकों की जांच के बाद की जाएगी. इसके लिए एलुमिनाई अभिभावक और छात्रों का फीडबैक अहम होगा. मूल्यांकन से पहले सोमवार को विभिन्न विभागों द्वारा प्रजेंटेशन दिया गया. इसमें विश्वविद्यालय के संसाधन रखरखाव के बारे में जानकारी दी गई.
PU को 25 करोड़ का हुआ नुकसान
बता दें कि नैक एक्रीडिटेशन के अभाव में पिछले चार सालों में पटना विश्वविद्यालय को 25 कड़ोर का नुकसान हुआ है. साथ ही साथ ये विश्वविद्यालय विभिन्न योजनाओं से वंचित रहा है.
टीम में शामिल लोग
⦁ केंद्रीय यूनिवर्सिटी मिजोरम के कुलपति प्रोफेसर के.आर.एस सांबाशिवा राव
⦁ मध्य प्रदेश यूनिवर्सिटी के एचओडी प्रोफेसर अभय कुमार
⦁ तमिलनाडु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुलोचना शेखर
⦁ जेएनयू के मजहर अशरफ
⦁ लखनऊ विश्वविद्यालय के मनीष कुमार वर्मा
⦁ जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविंद
⦁ हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी. रमैया
⦁ पीयू के कुलपति प्रोफेसर रास बिहारी प्रसाद
⦁ प्रोफेसर परिमल कुमार खान समेत अन्य लोग