पटनाः बिहार सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक मुंगेर डीआईजी शफीउल हक (DIG Mohammad Shafi ul Haq) की निलंबन अवधि 25 नवंबर 2022 तक के लिए बढ़ा (Munger DIG suspension period extended) दी गई है. दरअसल इनके ऊपर मुंगेर में डीआईजी रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई ने किया और बाद में राज्य सरकार ने उन्हें दोषी पाते हुए सस्पेंड कर दिया था. शफी उल हक 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
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25 नवंबर 2022 तक विस्तारः अखिल भारतीय सेवाएं नियमावली के तहत मोहम्मद शफी उल हक के निलंबन अवधि को 29 मई से आगे बढ़ाते हुए 180 दिनों तक यानी कि 25 नवंबर 2022 तक विस्तार किया गया है. तत्कालीन डीआईजी मोहम्मद शफी को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा. दरअसल तत्कालीन डीआईजी के विरुद्ध भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के जांच प्रतिवेदन की समीक्षा के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि इनके द्वारा सहायक अवर निरीक्षक मोहम्मद इमरान और एक निजी व्यक्ति के माध्यम से मुंगेर क्षेत्र में महिला पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों से अवैध राशि की उगाही का कार्य कराया जाता है.
भ्रष्टाचार में सहभागिता का आरोपः जांच के दौरान प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया कि वसूली करने वाले सहायक पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद इमरान की गलती संज्ञान में होने के बावजूद उनके विरुद्ध कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की गई. इस पूरे घटनाक्रम में शफीउल हक की सहभागिता को दर्शाया गया था, जिसके बाद भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था. अब उनके निलंबन की अवधि को बढ़ा दिया गया.
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