पटना: बिहार के पटना में पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की जयंती (Birth anniversary Karpoori Thakur In patna) मनाई गई. यह कार्यक्रम विकासशील इंसान पार्टी की ओर से आयोजित की गई. इस मौके पर वीआईपी के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस मौके पर उपस्थित वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने उनके सपनों का बिहार बनाने का संकल्प लिया. मुकेश सहनी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. राजनीति में लंबा सफर बिताने के बाद भी उनका निधन हुआ तो उनके परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके पास नहीं था.
यह भी पढ़ेंः Bihar Politics: '2024 में BJP के अलावे कोई दल नहीं बचेगा', संजय जायसवाल का दावा
"पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर ने गरीबों के हित के लिए काम किया. उन्होंने अतिपिछड़ों के हित में आरक्षण लागू कर बहुत बड़ा काम किया. हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि अन्य राज्य के अनुसार बिहार में आरक्षण की प्रतिशत को बढाया जाए ताकि लोगों को लाभ मिल सके." -मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख
गरीबों के हित में काम कियाः कर्पूरी ठाकुर अपने जीवनकाल में समाज और गरीबों के हित में ही काम करते रहे. वीआईपी उनके सपनों को पूरा करने के संकल्पों के साथ आगे बढ़ रही है. कर्पूरी ठाकुर ने वर्ष 1978 में ही पिछड़ों एवं अतिपिछड़ों के हित में आरक्षण लागू किया. उसके बाद कई जातियों को समय समय पर अतिपिछड़ा वर्ग में जोड़ा गया. लेकिन अतिपिछड़ा का आरक्षण कोटा नहीं बढ़ाया गया. इससे पुराने जातियों को नुकसान हुआ.
अतिपिछड़ों को मिले हकः आज जातीय गणना का कार्य प्रारंभ हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक, बिहार में अतिपिछड़ा समाज की जनसंख्या 35% से अधिक है, लेकिन आरक्षण सिर्फ 18% ही मिलता है. उन्होंने कहा कि 'जितनी संख्या है हमारी, चाहिए उतनी ही हिस्सेदारी' की तर्ज पर अतिपिछड़ा समाज के 18% आरक्षण को बढ़ाकर 33% करना चाहिए. सहनी ने कहा कि बिहार सरकार को भी अन्य राज्यों की तरह आरक्षण बढ़ाना चाहिए. एक अतिपिछड़ा का बेटा होने के वजह से में दर्द समझता हूँ. मैं और मेरी पार्टी अतिपिछड़ों को हक व अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
आरक्षण का रास्ता खोलाः पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि जननायक मुख्यमंत्री बने तो बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए मुंगेरी लाल आयोग की अनुशंसा लागू कर आरक्षण का रास्ता खोल दिया. उन्हें अपनी सरकार की कुर्बानी देनी पड़ी, लेकिन जननायक अपने संकल्प से विचलित नहीं हुए. पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुकेश सहनी के अवाले कई कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर याद किया.