पटना: लैंड फॉर जॉब स्कैम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद बीजेपी लगातार इस्तीफे की मांग पर अड़ी है. मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विधानसभा में इसको लेकर हंगामा देखने को मिला. सदन के बाहर बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. उधर शिक्षक नियोजन नियमावली मामले में वामपंथी दलों ने भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. विधानसभा पोर्टिको में एक समय आरजेडी और वामपंथी दल मणिपुर हिंसा और महंगाई को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, उसी समय उनके ठीक आगे बीजेपी के सदस्य तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
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विधानसभा में बीजेपी का हंगामा: सदन की कार्यवाही जब पहले हाफ में शुरू हुई तो कुछ मिनट ही चल पाई. बीजेपी के सदस्य बेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. कुर्सी और टेबल उलट दिया. टेबल टूट जाने के कारण उसकी मरम्मत करानी पड़ी. हंगामे के बीच में ही जब एक प्रश्न का शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जवाब दे रहे थे, तब बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार उन्हें चुप कराने की कोशिश करने लगे लेकिन उनके पास पहुंचने से पहले ही मार्शल ने उन्हें रोक दिया.
हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित: बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन की कार्यवाही को 2:00 बजे तक के लिए स्थगित किया और जब दोबारा 2:00 बजे कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी के सदस्य फिर बेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे फिर टेबल पीटने लगे. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस दौरान एक विधेयक भी सदन के पटल पर रखा और उसे पास कराया गया. जरूरी विधाई कार्य को संपन्न कराया गया और फिर कुछ मिनट के बाद ही सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन में नहीं आए सीएम नीतीश: सत्र के दूसरे दिन न तो प्रश्नकाल चल पाया और न ही ध्यानकर्षण में उत्तर हुआ. हंगामे के दौरान स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की ओर इशारा करते हुए कहा कि असंसदीय शब्द का प्रयोग ना करें. विधानसभा में पहले हाफ में जब हंगामा हो रहा था तो उस समय न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद थे और न ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव थे. दूसरे हाफ में भी सीएम नहीं आए. वहीं डिप्टी सीएम जब आए तो सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई.
विपक्ष पर सत्ता पक्ष का हमला: सत्ता पक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपनी जिद के कारण सदन चलने नहीं दिया. कम से कम प्रश्नकाल तो चलने देना चाहिए था. जनहित के मुद्दे दबा दिए गए. जहां तक तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल है तो बीजेपी को अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए. बीजेपी तो जेल से निकलने वालों को भी सरकार में शामिल करा लेती है.
"बीजेपी जेल से निकलने वाले को सरकार में शामिल करा रही है, चार्जशीटेड की बात न करे तो बेहतर है. विपक्ष के विधायक सदन में हंगामा कर जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग कर रहे हैं. कम से कम प्रश्नकाल तो चलने देना चाहिए था"- अजय चौधरी, विधायक, जेडीयू
आरजेडी को बोलने का हक नहीं- बीजेपी: वहीं बीजेपी ने सत्ता पक्ष पर हमला करते हुए कहा कि जब विपक्ष की बात नहीं सुनी जाएगी तो हंगामा स्वभाविक है. जहां तक बेंच और टेबल पटकने की बात है तो आरजेडी के लोग विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक कब्जा कर चुके हैं, इसलिए इस मामले में कुछ न बोले तो वही बेहतर है.
"जब हम लोगों की बात सदन में नहीं सुनी जाएगी तो क्या उपाय हम लोगों के पास रहा जाता है. जहां तक बेंच और टेबल पटकने की बात है तो आरजेडी के लोग विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक कब्जा कर चुके हैं. इसलिए इस मामले में ना कुछ बोले तो वही बेहतर है. हमारी मांग है कि तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए"- इंजीनियर कुमार शैलेंद्र, विधायक बीजेपी
पांच दिनों का है मानसून सत्र: विधानसभा के मानसून सत्र में 5 बैठकें होनी है. जिसमें से 2 दिनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है. अब 3 दिन ही शेष बचे हैं. 2 दिनों में जनता के एक भी सवाल का जवाब नहीं हुआ है. हालांकि सरकार ने जरूर अपने कामकाज निपटाए हैं लेकिन बीजेपी के जिस प्रकार से तेवर हैं, वैसे में आने वाले 3 दिनों में भी सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चल पाएगी इसकी संभावना कम है.