पटना: विधानसभा चुनाव में जदयू के तीन नंबर की पार्टी बनने के बाद कई बड़े कदम उठाए गए हैं. खासकर संगठन को मजबूत करने की कोशिश लगातार जारी है और अब पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में मॉनिटरिंग कोषांग का गठन होगा. मॉनिटरिंग कोषांग के माध्यम से पार्टी जिला से प्रखंड और पंचायत स्तर तक संगठन के कामकाज की निगरानी करेगी. मॉनिटरिंग सेल में संगठन से जुड़े वरिष्ठ लोगों को शामिल किया जाएगा.
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मुख्यालय से जिला स्तर तक बनेगा मॉनिटरिंग कोषांग
बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को केवल 43 सीट मिले. हालांकि बसपा विधायक जमां खान के शामिल होने के बाद पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है, लेकिन इसके बाद ही पार्टी अभी भी तीसरे नंबर पर ही है. सहयोगी बीजेपी को 74 सीट मिला तो मुख्य विपक्षी दल आरजेडी को 75 सीट. यह जदयू को खटक रहा है. ऐसे में पार्टी इसे चुनौती के रूप में लेते हुए संगठन को मजबूत करने कि लगातार कोशिश कर रही है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के नेतृत्व में मॉनिटरिंग कोषांग गठन करने की तैयारी हो रही है. मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से पार्टी के वरिष्ठ नेता जिला से प्रखंड और पंचायत स्तर तक संगठन पर नजर रखेंगे. मॉनिटरिंग कोषांग जिला स्तर पर भी बनाया जाएगा.
"मॉनिटरिंग कोषांग पर मेरी नजर रहेगी. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को इसमें शामिल करेंगे. मुख्यालय में पूरी कमेटी इसके लिए तैयार की जा रही है. संगठन में पार्टी के नेताओं को जो जिम्मेदारी दी गई है उसका ठीक से निर्वहन कर रहे हैं कि नहीं, मॉनिटरिंग कोषांग के माध्यम से इसकी निगरानी होगी."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
चुनाव में मॉनिटरिंग कोषांग की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
जदयू में इस बार संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया है. पूरे बिहार को दो भागों (उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार) में बांटा गया है. युवा विंग और पिछड़ा अति पिछड़ा विंग को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है. अब मॉनिटरिंग कोषांग बनाने जैसा बड़ा फैसला पहली बार पार्टी में लिया गया है. विधानसभा चुनाव में कई उम्मीदवारों ने यह आरोप लगाया था कि पार्टी के अंदर भितरघात हुआ है और उसके कारण पार्टी को नुकसान हुआ है. आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए मॉनिटरिंग सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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