पटना: कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) के मिक्स अप डोज का शुरुआती दौर में बेहतरीन परिणाम देखने को मिला है. यह सामान्य रूप से एक ही वैक्सीन (Vaccine) के दो डोज से ज्यादा प्रभावी दिखा है. हालांकि इसका भी क्लीनिकल प्रमाण नहीं दिया गया है, लेकिन आईसीएमआर (ICMR) ने यह दावा किया है.
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आईसीएमआर ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की अलग-अलग डोज लेने वाले लोगों की एंटीबॉडी (Antibodies) टेस्ट कर यह पता लगाया है. अब आगे इसको लेकर मेडिकल रिसर्च की तैयारी चल रही है. इस रिसर्च में पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने भी साथ दिया है.
इस रिसर्च के अनुसार अलग-अलग वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले में कोरोना वायरस (Corona Virus) के सभी स्वरूपों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता (Resistance Capacity) अधिक मिली है.
पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी (Dr. Diwakar Tejashwi) कहते हैं कि आईसीएमआर और एनआईवी ने 98 लोगों पर रिसर्च कर यह रिपोर्ट तैयार की है. यूपी में अंजाने में 18 लोगों को वैक्सीन का गलत डोज पड़ गया था. वहीं, 18 लोग थे, जिन्हें पहला डोज कोविशील्ड का पड़ा था और सेकंड डोज कोवैक्सीन का पड़ गया था.
उन्होंने कहा कि ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता जानने के लिए आईसीएमआर ने 40 ऐसे लोगों को चुना, जिन्हें कोविशील्ड का दोनों डोज पड़ा था. वहीं 40 ही ऐसे लोगों को चुना, जिन्हें कोवैक्सीन का दोनों डोज पड़ा था. इस तरह से तीन ग्रुप की स्टडी आईसीएमआर द्वारा की गई. इसमें जो 18 लोग, जिन्हें पहला कोविशील्ड और दूसरा कोवैक्सीन का डोज पड़ा था, उनका बाकी दोनों ग्रुप से एंटीबॉडी अधिक मिला.
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डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि यह स्टडी मई 2021 से जून 2021 के बीच किया गया. स्टडी का रिजल्ट चौंकाने वाला रहा. हालांकि अब तक यह इंटरिम ऑब्जरवेशन रहा है. अभी यह प्रीप्रिंट रिपोर्ट है, कोई क्लियर रिवेन्यूंड जर्नल में नहीं आया है. इसलिए अभी इसे पॉलिसी के रूप में नहीं देखा जा सकता है. हालांकि जो प्रारंभिक रिपोर्ट है, वह वाकई काफी अच्छी है.
वे कहते हैं कि परिणाम के पीछे और कुछ कारण रहे होंगे या नहीं रहे होंगे, इन सब का एनालिसिस होता है. इसके बाद ही रिव्यूड जर्नल में पब्लिश होता है. इसके बाद इसके आधार पर पॉलिसी बनाई जा सकती है. हालांकि यह साबित करने वाली रिपोर्ट है और इसलिए क्योंकि भारत में जो वैक्सीन का क्रंच है, उसमें अगर ऐसी रिपोर्ट क्लियर रिव्यूड के बाद आती है और एप्रूव्ड होती है तो इससे वैक्सीन की हेजीटेंडेंसी और आए दिन किसी एक वैक्सीन की कमी की जो समस्या आ रही है, वह निश्चित रूप से दूर होगी. इससे वैक्सीनेशन कवरेज में भी आसानी होगा मगर इसके करने के पहले और अधिक स्टडी रिपोर्ट की आवश्यकता होगी.
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आपको बताएं कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दावा किया कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड के कॉकटेल पर हुई स्टडी में बेहतर रिजल्ट्स देखने को मिले हैं. स्टडी में सामने आया है कि एक एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म-बेस्ड वैक्सीन के कॉम्बिनेशन के साथ वैक्सीन न केवल सुरक्षित पाई गई, बल्कि बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी देखने को मिली है.
दरअसल उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में इस साल मई में वैक्सीनेशन के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी लापरवाही से कुछ लोगों को पहला डोज कोविशील्ड का और दूसरा डोज कोवैक्सीन का लगा दिया गया था. इसकी वजह से वैक्सीन लगवा चुके लोग में काफी डर था. हालांकि वैक्सीन की मिक्स डोजलगने के बाद भी किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधित समस्या नही हुई थी.