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निकाय चुनाव में आरक्षण को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार: विजय चौधरी - Patna Latest News

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Minister Vijay Kumar Chaudhary) ने कहा निकाय चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर.

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी
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Published : Oct 5, 2022, 7:08 PM IST

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections In Bihar) में अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. वहीं पटना हाईकोर्ट के आरक्षण रोकने के फैसले को बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गलत बताया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अति पिछड़ा वर्ग का हक मारा जाएगा. बिहार सरकार ये कतई नहीं होने देगी.

ये भी पढ़ें- बिहार में अगले आदेश तक के लिए नगर पालिका चुनाव 2022 स्थगित, राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया फैसला

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार: वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी. शीर्ष अदालत से फैसला हमारे हक में आने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के फैसला से अति पिछड़ा वर्ग के लोगों का हक मारा जाएगा. आरक्षण का प्रावधान 2007 में किया गया था. 15 वर्षों में अब तक इस आधार पर तीन नगर निकाय चुनाव हो चुके हैं.

पिछड़े वर्ग की हकमारी नहीं होने देगी सरकार: विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सब ने देखा है, अति पिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिलाएं सामाजिक सहभागिता में आगे आए हैं. इन लोगों को नगर निकाय के प्रबंधन में जो आगे बढ़ाने का मौका बिहार सरकार दे रही थी, उसके बीच में अनावश्यक बाधा आ गई है. चौधरी ने कहा कि किसी भी तरह अति पिछड़ा वर्ग की हकमारी नहीं होगी, इसके लिए बिहार सरकार संकल्पित है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. यह जरूरी है, क्योंकि अति पिछड़ा वर्ग को नीतीश सरकार ने जो हक पिछले 15 सालों से दे रखा है, ये उसकी खिलाफत होगी.

"यह जो फैसला आया है, यह उचित नहीं है. इससे अति पिछड़े वर्ग के लोगों की हकमारी होगी. ये कोई भी समझ सकता है कि ये आरक्षण का प्रावधान 2007 में किया गया था. यानि पिछले 15 वर्षों से इस इन प्रवाधानों के आधार पर तीन चुनाव हुए हैं, नगर निकाय के और सबने देखा है कि अति पिछड़े वर्ग के पुरूष और महिलाएं किस तरीके से आगे आए हैं. पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोग थे और उनको सामाजिक प्रक्रिया में नगर निकाय के प्रबंधन में आरक्षण का प्रावधान करके उनको जो आगे बढ़ा रही थी बिहार सरकार, ये अनावश्यक उसके बीच व्यवधान आ गया. बिहार सरकार संकल्पित है, किसी भी रूप में अति पिछड़े वर्ग के लोगों की हकमारी नहीं की जाएगी. जो निर्णय आया है उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील किया जाएंगा. उम्मीद है कि फैसला हमलोगों के पक्ष में फैसला आएगा." - विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार

ये भी पढ़ें- बिहार के नगर निकायों में आरक्षित सीटों पर नहीं होंगे चुनाव, पटना हाईकोर्ट की रोक

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections In Bihar) में अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. वहीं पटना हाईकोर्ट के आरक्षण रोकने के फैसले को बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गलत बताया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अति पिछड़ा वर्ग का हक मारा जाएगा. बिहार सरकार ये कतई नहीं होने देगी.

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हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार: वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी. शीर्ष अदालत से फैसला हमारे हक में आने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के फैसला से अति पिछड़ा वर्ग के लोगों का हक मारा जाएगा. आरक्षण का प्रावधान 2007 में किया गया था. 15 वर्षों में अब तक इस आधार पर तीन नगर निकाय चुनाव हो चुके हैं.

पिछड़े वर्ग की हकमारी नहीं होने देगी सरकार: विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सब ने देखा है, अति पिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिलाएं सामाजिक सहभागिता में आगे आए हैं. इन लोगों को नगर निकाय के प्रबंधन में जो आगे बढ़ाने का मौका बिहार सरकार दे रही थी, उसके बीच में अनावश्यक बाधा आ गई है. चौधरी ने कहा कि किसी भी तरह अति पिछड़ा वर्ग की हकमारी नहीं होगी, इसके लिए बिहार सरकार संकल्पित है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. यह जरूरी है, क्योंकि अति पिछड़ा वर्ग को नीतीश सरकार ने जो हक पिछले 15 सालों से दे रखा है, ये उसकी खिलाफत होगी.

"यह जो फैसला आया है, यह उचित नहीं है. इससे अति पिछड़े वर्ग के लोगों की हकमारी होगी. ये कोई भी समझ सकता है कि ये आरक्षण का प्रावधान 2007 में किया गया था. यानि पिछले 15 वर्षों से इस इन प्रवाधानों के आधार पर तीन चुनाव हुए हैं, नगर निकाय के और सबने देखा है कि अति पिछड़े वर्ग के पुरूष और महिलाएं किस तरीके से आगे आए हैं. पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोग थे और उनको सामाजिक प्रक्रिया में नगर निकाय के प्रबंधन में आरक्षण का प्रावधान करके उनको जो आगे बढ़ा रही थी बिहार सरकार, ये अनावश्यक उसके बीच व्यवधान आ गया. बिहार सरकार संकल्पित है, किसी भी रूप में अति पिछड़े वर्ग के लोगों की हकमारी नहीं की जाएगी. जो निर्णय आया है उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील किया जाएंगा. उम्मीद है कि फैसला हमलोगों के पक्ष में फैसला आएगा." - विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार

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