पटनाः केंद्रीय सरकार का आम बजट (Union budget 2022) आज पेश हो गया. इस बजट से बिहार के लोगों को भी काफी उम्मीदें थीं. इसे लेकर अब लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. बिहार के जदयू मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar On Union Budget) ने भी आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बजट में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर फैसले की उम्मीद थी. लेकिन वो नहीं मिला. हांलाकि उन्होंने कहा कि बजट में कई ऐसी योजनाएं हैं, जिससे बिहार को फायदा होगा.
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'नीति आयोग ने बिहार को जिस प्रकार से फिसड्डी बताया है. ऐसे में बिहार को विशेष मदद मिलना चाहिए थी. बजट में ऐसे तो कई फैसले लिए गए हैं, जिसका पूरे देश के साथ बिहार को भी लाभ मिलेगा. केंद्रीय बजट में गरीबों के लिए 80,00000 मकान बनाने का फैसला किया गया है. इसका बिहार को लाभ मिलेगा. कृषि के क्षेत्र में भी कई फैसले लिए गए हैं'- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
श्रवण कुमार ने ये भी कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट ने जिस प्रकार से बिहार को पिछड़ा बताया गया और बिहार विकसित राज्यों से अभी काफी पीछे है, ऐसे में हम लोगों को पूरी उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे को लेकर फैसला लिया जाएगा. लेकिन नहीं लिया गया.
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मनरेगा को लेकर भी अभी स्पष्ट नहीं है कि राशि में कितनी बढ़ोतरी गई है. उन्होंने साफ कहा कि विशेष राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र सरकार को फैसला लेना चाहिए था. क्योंकि बिहार उसका हकदार है. हालांकि जदयू मंत्री ने केंद्रीय बजट में कई फैसलों की तारीफ भी की.
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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया. इस बार इलेक्ट्रोनिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट मिली है. वहीं रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. नकली गहनों पर कस्टम ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलो की गई. वहीं, आम आदमी को इस बजट में इनकम टैक्स पर कोई राहत नहीं मिली. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वहीं, सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया है. दिव्यागों को भी कर राहत का ऐलान किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की जाएगी.
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