पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड सरकार की ओर से रिम्स निदेशक का बंगला दिए जाने को लेकर बिहार में राजनीति गरमाई हुई है. जदयू की ओर से लगातार हेमंत सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन सरकार को सलाह दी है कि बंगले की नाम पट्टिका पर कैदी नंबर 3351 भी दर्ज करा दें. जिससे लोगों को पता चले कि भ्रष्टाचार में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यहीं रह रहे हैं.
![लालू यादव को दिया गया रिम्स निदेशक का बंगला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-03-jdu-mantri-ka-laloo-mamle-mein-hemant-par-tanj-7201750_10082020113611_1008f_1597039571_984.jpg)
मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार ने कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद को अघोषित राजकीय अतिथि मानकर रांची रिम्स निदेशक का बंगला दिया है. वे बिहार और झारखंड के चारा घोटाला में सजा काट रहे हैं. उन्हें कोरोना से संक्रमण का खतरा है. ऐसी स्थिति में झारखंड सरकार ने यह फैसला लिया. लेकिन रिम्स रांची के कैदी वार्ड में 13 कैदी इलाज के लिए रखे गए हैं तो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विशेष सुविधा क्यों नहीं प्रदान की गई.
![नीरज कुमार का ट्वीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-03-jdu-mantri-ka-laloo-mamle-mein-hemant-par-tanj-7201750_10082020113611_1008f_1597039571_742.jpg)
![नीरज कुमार का ट्वीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8362662_443_8362662_1597043702430.png)
पट्टी पर दर्ज करा दें लालू का नाम
रिम्स निदेशक के बंगले पर लगी पट्टी से नाम मिटा दिए जाने पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने सलाह दी है कि झारखंड सरकार को चाहिए कि पट्टी पर कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद का नाम दर्ज करवा दे. जिससे आम लोग यह देख सके कि भ्रष्टाचार के पुरोधा यहां वास करते हैं. नीरज कुमार ने कहा कि 'हमारी उम्मीद है कि माननीय लालू प्रसाद जो इरादतन भ्रष्टाचारी हैं. वह बंगले में एकांत में रहकर चिंतन मनन करेंगे कि कैसे राजनीति में संपत्ति सृजन एवं परिवारिक सत्ता को स्थापित करने के लिए कैसा कैसा कृत्य किया.'
लालू परिवार से दूर रहने की सलाह
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने ट्वीट कर हेमंत सरकार को सलाह दी है कि माननीय लालू प्रसाद के परिवार का राजनीतिक संस्कार रहा है कि संपत्ति का हेरा-फेरी. ऐसे में अपने माननीय विधायकों को सचेत कर दें. उनके परिवार के मायाजाल में पड़ कर कहीं संपत्ति दान ना कर दें.