पटना: बिहार में पीएफआई (PFI In Bihar) की संदिग्ध गतिविधियों के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है. वहीं IB का अलर्ट (IB Alert For Bihar) और केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूचना के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही बिहार के कई भाजपा नेता आतंकियों ( Islamic State Terrorists) के निशाने पर हैं, जिसको लेकर श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होंगे वो बख्शे नहीं जाएंगे. अगर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की प्रामाणिकता आ जाती है, देश की सर्वोच्च संस्था जांच कर रही है, जांच के बाद आतंकवादी गतिविधि में शामिल कोई भी संस्था होगी उसे प्रतिबंधित (Jivesh Mishra Demand For Ban On PFI) किया जाए.
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बोले जीवेश मिश्रा- 'PFI को बैन किया जाए': श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि पीएफआई को निश्चित तौर से बैन कर देना चाहिए. सिर्फ पीएफआई ही नहीं बल्कि ऐसे जितने भी संगठन हैं जो देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं उन्हे बैन कर देना चाहिए. बीजेपी एनडीए के लोग देश की चिंता करते हैं. राष्ट्रविरोधी ताकतें समय-समय पर अपने फन उठाती है. 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब से सरकार बनी है, आतंकवादियों को कुचलने में लगी है. इस प्रकार की धमकी से बीजेपी घबराते नहीं है बल्कि मुक्कमल इलाज किया जाता है.
"आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त एजेंसियों को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार ठोस इलाज करेगी. पीएफआई की संलिप्तता की प्रामाणिकता आ जाती है तो निश्चित रूप से उसे प्रतिबंधित किया जाए."- जीवेश मिश्रा,श्रम संसाधन मंत्री, बिहार
पीएम के पटना दौरे से पहले हुई गिरफ्तारी: 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन पर पटना आए थे. उनके आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था.
बिहार बीजेपी के ये नेता हैं कट्टरपंथियों के निशाने पर: आपको बता दें कि बिहार में भाजपा (Bihar BJP leaders on target of terrorists) के 17 सांसद हैं. इनमें गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं. ये दोनों ही नेता हिंदुत्व को लेकर मुखर रहे हैं. गिरिराज सिंह को भाजपा का फायर ब्रांड माना जाता है. सांसद व बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर भी कट्टरपंथियों को बयानों के जरिए अपने निशाने पर लेते रहे हैं. वहीं विधायकों में हरिभूषण ठाकुर बचौल, संजीव चौरसिया, संजय सिंह और पवन जायसवाल को भाजपा विधायकों में फायर ब्रांड माना जाता है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे को पहले से ही केंद्र सरकार ने Z श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है. वहीं सांसद संजय जायसवाल और संजीव चौरसिया को केंद्र सरकार की तरफ से Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.