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पटना: 4 जिले में जीविका दीदी की रसोई का भोजन खा रहे प्रवासी, बढ़ रही खाने की मांग - आपदा प्रबंधन विभाग

राज्य के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार बताते हैं कि प्रवासियाें को जीविका समूह की दीदियों का पकाया भोजन काफी पसंद आ रहा है. भोजन के एवज में आपदा प्रबंधन विभाग इसका भुगतान भी करता है.

पटना
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Published : May 23, 2020, 7:31 AM IST

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में किए गए लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न हालातों को जीविका समूह ने अवसर में बदला है. एक ओर जीविका समूह की दीदियों ने जहां मास्क बनाकर साढ़े चार करोड़ रुपये कमाए. वहीं, अब चार जिलों में जीविका दीदी की रसोई का बना भोजन क्वारंटीन सेंटर के प्रवासी खा रहे हैं. जीविका दीदियों के इस पहल काे देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग अब जीविका दीदी की रसोई को और विस्तार देने की तैयारी कर रहा है.

जीविका दीदियों के बनाए भोजन की बढ़ रही मांग
राज्य के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार बताते हैं कि प्रवासियाें को जीविका समूह की दीदियों का पकाया भोजन काफी पसंद आ रहा है. भोजन के एवज में आपदा प्रबंधन विभाग इसका भुगतान भी करता है. उन्होंने कहा कि दीदियों के बनाए भोजन की मांग बढ़ रही है. विभाग कार्य योजना बना रहा है कि कैसे इन रसोईयों को और जिलों में शुरू किया जा सकता है. मंत्री ने कहा कि हम जल्द ही कुछ नए जिलों में जीविका दीदी की रसोई शुरू करेंगे.

चार जिलों में परोसा जा रहा भोजन
बता दें कि कोरोना के बाद राज्य में लौटने वाले प्रवासियों को क्वारंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था बनाई गई है. अधिकांश सेंटर यहां रहने वाले प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था स्वयं करते हैं. लेकिन शेखपुरा, बक्सर, पूर्णिया और वैशाली जिलों में बनाए गए अधिकांश क्वारंटीन सेंटरों में जीविका दीदी की रसोई का बना भोजन प्रवासियों को परोसा जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग के एक आग्रह के बाद संबंधित जिलों के सदर अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई बनाई है. इन रसोई में जीविका दीदियां दिन में तीन बार भोजन बनाती हैं. रोटी, अलग-अलग प्रकार की सब्जियां, दाल, चावल, पापड़ के साथ ही अन्य कई भोजन सामग्री यहां बन रही है. बनने के बाद इन्हें पास के क्वारंटीन सेंटर में भेजने की व्यवस्था है.

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में किए गए लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न हालातों को जीविका समूह ने अवसर में बदला है. एक ओर जीविका समूह की दीदियों ने जहां मास्क बनाकर साढ़े चार करोड़ रुपये कमाए. वहीं, अब चार जिलों में जीविका दीदी की रसोई का बना भोजन क्वारंटीन सेंटर के प्रवासी खा रहे हैं. जीविका दीदियों के इस पहल काे देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग अब जीविका दीदी की रसोई को और विस्तार देने की तैयारी कर रहा है.

जीविका दीदियों के बनाए भोजन की बढ़ रही मांग
राज्य के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार बताते हैं कि प्रवासियाें को जीविका समूह की दीदियों का पकाया भोजन काफी पसंद आ रहा है. भोजन के एवज में आपदा प्रबंधन विभाग इसका भुगतान भी करता है. उन्होंने कहा कि दीदियों के बनाए भोजन की मांग बढ़ रही है. विभाग कार्य योजना बना रहा है कि कैसे इन रसोईयों को और जिलों में शुरू किया जा सकता है. मंत्री ने कहा कि हम जल्द ही कुछ नए जिलों में जीविका दीदी की रसोई शुरू करेंगे.

चार जिलों में परोसा जा रहा भोजन
बता दें कि कोरोना के बाद राज्य में लौटने वाले प्रवासियों को क्वारंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था बनाई गई है. अधिकांश सेंटर यहां रहने वाले प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था स्वयं करते हैं. लेकिन शेखपुरा, बक्सर, पूर्णिया और वैशाली जिलों में बनाए गए अधिकांश क्वारंटीन सेंटरों में जीविका दीदी की रसोई का बना भोजन प्रवासियों को परोसा जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग के एक आग्रह के बाद संबंधित जिलों के सदर अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई बनाई है. इन रसोई में जीविका दीदियां दिन में तीन बार भोजन बनाती हैं. रोटी, अलग-अलग प्रकार की सब्जियां, दाल, चावल, पापड़ के साथ ही अन्य कई भोजन सामग्री यहां बन रही है. बनने के बाद इन्हें पास के क्वारंटीन सेंटर में भेजने की व्यवस्था है.

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