पटनाः भारत को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों ने भले ही इस देश के लिए अपनी जान दे दी. लेकिन उनके परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है. इसी वजह से इस बार के चुनाव में सवतंत्रता सेनानी के परिजनों नोटा दबाने का निणर्य लिया है.
बिहार में कई सेनानियों के परिजनों ने चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने का निर्णय लिया है. इस बार मतदान के दिन सभी लोग नोटा का बटन दबाएंगे . ये न केवल उन नेताओं को सबक सिखाने के लिए बल्कि समाज को एक संदेश भी देने के लिए हैं. बता दें कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों का इन दिनों हाल बेहाल हैं.
किसी ने भी नहीं की मदद
आक्रोशित सभी स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने बताया कि मंत्री से लेकर आला अधिकारी तक कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे. वे लोग अपनी फरियाद को लेकर चक्कर काटते-काटते थक गए हैं. वहीं सांसद, मंत्री, विधायकों ने उन्हें आश्वासन देने के अलावा कुछ भी नहीं किया.
न कोई सरकारी लाभ, न ही मदद
सेनानियों के परिजनों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके लिए आज तक कोई भी काम नहीं किया गया है और ना ही उन्हें कोई सरकारी लाभ दिया गया है. यहां तक कि उन्हें पहले से जो लाभ मिलता आ रहा था उसे भी बंद कर दिया गया है. इन सब के खिलाफ लगातार आंदोलन भी किया जा रहा है. बावजूद इसके कोई भी इनके मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है.
आंदोलनकारियों ने कहा कि यह शर्म की बात है कि जिन के परिजनों ने भारत को आजाद कराने के लिए अपनी जान दी. उनके परिवार वाले इस तरह सड़कों पर मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं. इसलिए इस बार चुनाव में बिहार के कई सेनानियों के परिजनों ने नोटा दबाने का निर्णय लिया है.