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नगर निगम की घोर लापरवाही से अंधेरे में डूबा पटना, बंद पड़े हैं राजधानी के 10 हजार स्ट्रीट लाइट्स

पटना के 75 वार्डों में 1 लाख 25 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. लेकिन शहर के कई इलाकों की सड़कें अंधेरी हैं. नगर निगम की उदासीनता और लापरवाही के कारण लोगों को अंधेरे में रास्तों पर चलना पड़ता है. पढ़ें रिपोर्ट..

बत्ती गुल
बत्ती गुल
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Published : Jul 16, 2021, 8:08 PM IST

पटना: शहर का हर कोना रौशनी से प्रकाशित हो सके, सरकार ने इसके लिए कई प्रयास किए. नगर विकास विभाग (urban development department) के माध्यम से पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने सभी 75 वार्डों में 1 लाख 25 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट (Street Light) लगाए. इसके बावजूद शहर के कई इलाकों की सड़कों पर अंधेरा पसरा है.

नगर निगम की लापरवाही की वजह से शहर कि लगभग 10,000 से अधिक स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं. लेकिन निगम प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए दलील देने में लगा हुआ है. अधिकारियों की मानें तो हर दिन 300 से अधिक लाइट की मरम्मति का कार्य होता है.

यह भी पढ़ें- पटना: सड़कों पर दिनभर जलती है स्ट्रीट लाइट, संक्रमण के भय से स्विच ऑफ करने से कतराते हैं लोग

शहर में स्ट्रीट लाइट्स लगाने का कार्य नगर निगम का मार्ग प्रकाशन विभाग देखता है. जिसके कर्मी लाइट्स का रखरखाव और फॉल्ट ठीक करने का काम करते हैं. लेकिन कर्मचारियों की कमी की वजह से अब यह कार्य ईएसआर कंपनी के माध्यम से निगम प्रशासन कर रहा है. कंपनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन ने अभी तक करोड़ों रुपए कंपनी को भुगतान नहीं किया है. जिसकी वजह से कंपनी के कर्मचारी लाइट्स को मरम्मत करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट के बारे में निगम प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि कार्य अभी चल रहा है. जो भी बंद पड़ी लाइट हैं उसकी मरम्मत हो रही है. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य आशीष सिन्हा की मानें तो शहर में 1 लाख 25 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई है. हालांकि उन्होंने भी माना कि कुछ लाइट्स बंद पड़ी है. उन्हें भी शुरू करने का कार्य कंपनी के माध्यम से करवाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- सच्चाई: किसी को नहीं मिलता पीने का पानी, पटना में हर साल बर्बाद होता है 5475 MLD शुद्ध पेय जल

राजधानी पटना शहर के वीआईपी इलाके की सड़कें हों या कई स्लम एरिया, हर जगह स्ट्रीट लाइट निगम प्रशासन की लापरवाही की वजह से बंद पड़े हैं. निगम प्रशासन की तरफ से अभी तक दुरुस्त नहीं किया गया है. जिसकी वजह से कई इलाकों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं. निगम प्रशासन के सूत्रों की मानें तो कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से शहर में लगभग 10 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है. ऐसा कह सकते हैं कि शहर में 10 से 12 प्रतिशत लाइट खराब है.

राजधानी में नगर निगम द्वारा 1 लाख 25 हजार से अधिक लाइट लगाई गई है. जो शहर की सड़कों और गलियों में रौशनी फैला रही हैं. कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से वीआईपी इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में 10 से 12 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही हैं. यह लाइट्स इलेक्ट्रिक फॉल्ट की वजह से फ्यूज हो गई हैं. जिस कारण यह नहीं जल रही हैं.

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन अवधि में बंद प्रतिष्ठान का दिया है कचरा शुल्क तो अगले बिल में होगी कटौती

पटना: शहर का हर कोना रौशनी से प्रकाशित हो सके, सरकार ने इसके लिए कई प्रयास किए. नगर विकास विभाग (urban development department) के माध्यम से पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने सभी 75 वार्डों में 1 लाख 25 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट (Street Light) लगाए. इसके बावजूद शहर के कई इलाकों की सड़कों पर अंधेरा पसरा है.

नगर निगम की लापरवाही की वजह से शहर कि लगभग 10,000 से अधिक स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं. लेकिन निगम प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए दलील देने में लगा हुआ है. अधिकारियों की मानें तो हर दिन 300 से अधिक लाइट की मरम्मति का कार्य होता है.

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शहर में स्ट्रीट लाइट्स लगाने का कार्य नगर निगम का मार्ग प्रकाशन विभाग देखता है. जिसके कर्मी लाइट्स का रखरखाव और फॉल्ट ठीक करने का काम करते हैं. लेकिन कर्मचारियों की कमी की वजह से अब यह कार्य ईएसआर कंपनी के माध्यम से निगम प्रशासन कर रहा है. कंपनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन ने अभी तक करोड़ों रुपए कंपनी को भुगतान नहीं किया है. जिसकी वजह से कंपनी के कर्मचारी लाइट्स को मरम्मत करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट के बारे में निगम प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि कार्य अभी चल रहा है. जो भी बंद पड़ी लाइट हैं उसकी मरम्मत हो रही है. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य आशीष सिन्हा की मानें तो शहर में 1 लाख 25 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई है. हालांकि उन्होंने भी माना कि कुछ लाइट्स बंद पड़ी है. उन्हें भी शुरू करने का कार्य कंपनी के माध्यम से करवाया जा रहा है.

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राजधानी पटना शहर के वीआईपी इलाके की सड़कें हों या कई स्लम एरिया, हर जगह स्ट्रीट लाइट निगम प्रशासन की लापरवाही की वजह से बंद पड़े हैं. निगम प्रशासन की तरफ से अभी तक दुरुस्त नहीं किया गया है. जिसकी वजह से कई इलाकों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं. निगम प्रशासन के सूत्रों की मानें तो कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से शहर में लगभग 10 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है. ऐसा कह सकते हैं कि शहर में 10 से 12 प्रतिशत लाइट खराब है.

राजधानी में नगर निगम द्वारा 1 लाख 25 हजार से अधिक लाइट लगाई गई है. जो शहर की सड़कों और गलियों में रौशनी फैला रही हैं. कर्मचारियों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से वीआईपी इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में 10 से 12 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही हैं. यह लाइट्स इलेक्ट्रिक फॉल्ट की वजह से फ्यूज हो गई हैं. जिस कारण यह नहीं जल रही हैं.

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