पटना: सवर्ण आरक्षण,एससी-एसटी एक्ट और 13 प्वाइंट रोस्टर पर सरकार की ओर से लिए गए फैसले के बाद बीजेपी को चुनावी फायदा हो सकता है. लेकिन इस बार चुनाव उतने आसान नहीं है. जितना पार्टी दावा फूंक रही है. विपक्ष भी कई बड़े मुद्दों के साथ सत्ताधारी पार्टी को चुनावी समर में घेरने की तैयारी कर चुका है.
पिछले चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष ने बीजेपी को बुरी तरह घेर लिया था. जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले ही सवर्ण आरक्षण, एससी-एसटी एक्ट और 13 प्वाइंट रोस्टर को लेकर ऐसा प्रबंधन किया कि विपक्ष चुनाव में इनमें से कोई भी मुद्दा नहीं बना पाया.
रोजगार अहम मुद्दा...
वहीं, बीजेपी का दावा है कि उसने इन कामों के जरिए इतिहास रच दिया है और विपक्ष के पास इस बार कोई मुद्दा नहीं है. लेकिन चुनावी सभा में विपक्ष के पास इस बार भी मुद्दों की कोई कमी नहीं है. भले ही आरक्षण को लेकर बीजेपी ने बाजी मार ली हो. लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेता मानते हैं कि रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार पूरी तरह फेल रही है.
इन मुद्दों से होगा प्रहार
विशेष रूप से प्रधानमंत्री के बयानों को लेकर विपक्ष उन्हें घेरने की कोशिश में है. चाहे पीएम का पकौड़े वाला बयान हो या फिर चौकीदार वाला वक्तव्य, विपक्ष इन्हें बड़ा मुद्दा बनाने वाला है. वहीं, पुलवामा अटैक और संवैधानिक संस्थाओं पर चोट को लेकर भी विपक्ष बीजेपी को घेरने की तैयारी कर रहा है.