पटनाः कोरोना की तीसरी लहर और ओमीक्रोन के खतरे को लेकर लगातार आगाह किया जा रहा था. सतर्कता की अपील की जा रही थी. इसी बीच राजधानी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में देशभर के करीब 5 हजार डॉक्टरों का जुटान हुआ. यह मौका था आईएमए के 96वां एनुअल कॉन्फ्रेंस (IMA National Conference in Patna) का, जिसमें शामिल कई डॉक्टर अब कोरोना संक्रमित मिले हैं.
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पिछले साल दिसंबर के महीने में 26, 27 और 28 तारीख को एसकेएम में आयोजित इस बैठक का बिहार के करीब 2500 से तीन हजार के बीच डॉक्टर हिस्सा बने. गंभीर विषयों पर चर्चा हुई. सीएम नीतीश कुमार सहित तमाम मंत्री, अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए. बिहार सहित देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और अन्य कार्यक्रमों के लिए हुई इस बैठक में हुआ कुछ ऐसा कि बिहार के लिए चिंता का सबब बन गया.
इस बैठक में शामिल हुए एनएमसीएच के 17 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए (16 doctors of NMCH corona infected) गए हैं. बता दें कि कोरोना के लक्षण मिलने के बाद इनके साथ 75 डॉक्टरों का एक साथ आरटीपीसीआर जांच हुआ, जिसमें ये संक्रमित पाए गए हैं. इधर, पटना एम्स के भी दो डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं.
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आईएमए की बैठक में शामिल हुए एनएमसीएच के सभी संक्रमित डॉक्टर कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे. जाहिर है कि बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौजूदगी थी. कोविड प्रोटोकॉल का पालन कितना हो पाया होगा, इसी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर सभी संक्रमित डॉक्टरों का दोबारा सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा.
बता दें कि बिहार में कोरोना ने 6 महीने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बीते साल 30 जून को प्रदेश में कोरोना के 260 मामले मिले थे, लेकिन उसके बाद पहली बार एक जनवरी 2022 को प्रदेश में उससे अधिक मामले सामने आए. नए साल में कोरोना के रिकॉर्ड 281 नए संक्रमितों की पहचान के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.
सूबे के 34 जिले संक्रमण की जद में है. पटना, गया और मुंगेर में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले मिल रहे हैं. बिहार में सक्रिय मरीजों की संख्या 749 है. पटना को छोड़कर बिहारभर में सक्रिय मरीजों की संख्या 344 है. अकेले पटना में सक्रिय मरीजों की संख्या कुल मिलाकर 405 हो गई है.
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