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नीतीश कैबिनेट: पुराने के बजाए नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा! कइयों के उम्मीदों पर फिरा पानी - जदयू और बीजेपी के नेता

कैबिनेट विस्तार के बाद कैबिनेट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कुल 30 मंत्री हो गए हैं, जिसमें बीजेपी के 16, जेडीयू के 12 और वीआईपी और हम के एक-एक मंत्री हैं. वहीं दूसरी ओर मंत्रिमंडल के विस्तार में कई पुराने मंत्रियों के उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

मंत्रिमंडल विस्तार में कई नेता नाराज.
मंत्रिमंडल विस्तार में कई नेता नाराज.
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Published : Feb 10, 2021, 9:48 AM IST

पटना: नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी जदयू के कई नेताओं के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. पिछली सरकार के कई मंत्रियों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिला है. जहां तक बीजेपी की बात है तो उसमें सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, विनोद नारायण झा, रामनारायण मंडल और राणा रणधीर सिंह शामिल है.
जदयू खेमे की बात करें तो कई मंत्री पहले ही चुनाव हार चुके थे. इसलिए पार्टी के लिए उन्हें साइड करना बहुत ही आसान था. लेकिन उसके अलावे महेश्वर हजारी, बीमा भारती, नरेंद्र नारायण यादव की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

पुराने मंत्रियों को नहीं दिया गया जगह
बीजेपी ने दो पुराने मंत्रियों मंगल पांडे और प्रमोद कुमार को छोड़कर सारे नए मंत्री दिए हैं. इसेक साथ ही पार्टी युवा चेहरे पर दांव लगाया है. बिहार में लंबे समय से पार्टी की कमान संभालने वाले और सरकार में उपमुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील मोदी को इस बार बिहार से बाहर कर दिल्ली भेज दिया गया है. सुशील मोदी के अलावा प्रेम कुमार कृषि मंत्री थे. गया से सातवीं बार इस बार चुनाव जीते थे लेकिन उन्हें भी जगह नहीं मिला.

इसे भी पढ़ें: ये चिट्ठी तो बवाली है! ढाई घंटे में मेवालाल की हो गई थी 'छुट्टी', अब लेसी की है बारी?

नए चेहरे पर खेला दांव
पटना साहिब से लगातार छठी बार चुनाव जीतने वाले नंदकिशोर यादव को भी जगह नहीं दिया गया. नंदकिशोर यादव पथ निर्माण मंत्री थे. उनके अलावा पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल और सहकारिता मंत्री रहे राणा रणधीर को भी मंत्री नहीं बनाया गया. बीजेपी ने इस बार दो-दो उपमुख्यमंत्री और नए चेहरे पर दांव खेला है.

मंत्रियों के उम्मीदों पर फिरा पानी
जदयू की बात करें तो विधानसभा चुनाव में कई मंत्री इस बार चुनाव हार गए. जिसमें जय कुमार सिंह, लक्ष्मेश्वर राय, कृष्ण नंदन वर्मा, रामसेवक सिंह शामिल है. लेकिन उसके अलावा महेश्वर हजारी की बहुत चर्चा थी मंत्री बनाने की है. उन्हें भी इस बार मंत्री नहीं बनाया गया. साथ ही गन्ना मंत्री बीमा भारती और लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई. तीनों पूर्व मंत्रियों के उम्मीद पर पानी फिर गया है.

मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना कम
मंत्रिमंडल के विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन बनाने के साथ जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा गया है. बिहार विधानसभा की संख्या बल के हिसाब से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. लेकिन अभी भी नीतीश मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के साथ केवल 31 मंत्री हैं. ऐसे में पांच मंत्री पद अभी भी खाली है. नीतीश कुमार ने कहा भी था कि मंत्री पद खाली रखा जाता है ऐसे में पांच मंत्री बनने की संभावना है. लेकिन 85 दिनों के बाद इस बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है. ऐसे में अब जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, इसकी संभावना भी कम ही है.

पटना: नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी जदयू के कई नेताओं के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. पिछली सरकार के कई मंत्रियों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिला है. जहां तक बीजेपी की बात है तो उसमें सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, विनोद नारायण झा, रामनारायण मंडल और राणा रणधीर सिंह शामिल है.
जदयू खेमे की बात करें तो कई मंत्री पहले ही चुनाव हार चुके थे. इसलिए पार्टी के लिए उन्हें साइड करना बहुत ही आसान था. लेकिन उसके अलावे महेश्वर हजारी, बीमा भारती, नरेंद्र नारायण यादव की उम्मीदों पर पानी फिर गया.

पुराने मंत्रियों को नहीं दिया गया जगह
बीजेपी ने दो पुराने मंत्रियों मंगल पांडे और प्रमोद कुमार को छोड़कर सारे नए मंत्री दिए हैं. इसेक साथ ही पार्टी युवा चेहरे पर दांव लगाया है. बिहार में लंबे समय से पार्टी की कमान संभालने वाले और सरकार में उपमुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील मोदी को इस बार बिहार से बाहर कर दिल्ली भेज दिया गया है. सुशील मोदी के अलावा प्रेम कुमार कृषि मंत्री थे. गया से सातवीं बार इस बार चुनाव जीते थे लेकिन उन्हें भी जगह नहीं मिला.

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नए चेहरे पर खेला दांव
पटना साहिब से लगातार छठी बार चुनाव जीतने वाले नंदकिशोर यादव को भी जगह नहीं दिया गया. नंदकिशोर यादव पथ निर्माण मंत्री थे. उनके अलावा पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल और सहकारिता मंत्री रहे राणा रणधीर को भी मंत्री नहीं बनाया गया. बीजेपी ने इस बार दो-दो उपमुख्यमंत्री और नए चेहरे पर दांव खेला है.

मंत्रियों के उम्मीदों पर फिरा पानी
जदयू की बात करें तो विधानसभा चुनाव में कई मंत्री इस बार चुनाव हार गए. जिसमें जय कुमार सिंह, लक्ष्मेश्वर राय, कृष्ण नंदन वर्मा, रामसेवक सिंह शामिल है. लेकिन उसके अलावा महेश्वर हजारी की बहुत चर्चा थी मंत्री बनाने की है. उन्हें भी इस बार मंत्री नहीं बनाया गया. साथ ही गन्ना मंत्री बीमा भारती और लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई. तीनों पूर्व मंत्रियों के उम्मीद पर पानी फिर गया है.

मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना कम
मंत्रिमंडल के विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन बनाने के साथ जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा गया है. बिहार विधानसभा की संख्या बल के हिसाब से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. लेकिन अभी भी नीतीश मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के साथ केवल 31 मंत्री हैं. ऐसे में पांच मंत्री पद अभी भी खाली है. नीतीश कुमार ने कहा भी था कि मंत्री पद खाली रखा जाता है ऐसे में पांच मंत्री बनने की संभावना है. लेकिन 85 दिनों के बाद इस बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है. ऐसे में अब जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, इसकी संभावना भी कम ही है.

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