पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लेकर जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव आरजेडी के नेता है, महागठबंधन के नहीं. साथ ही उन्होंने 2020 विधानसभा चुनाव आरजेडी के साथ मिलकर लड़ने की रणनीति पर विचार करने की बात कही है.
चुनाव की हार का ठीकरा महागठबंधन नेता एक दूसरे के सर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है. मांझी ने कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इस पर महागठबंधन के घटक दल बैठकर फैसला लेंगे. उन्होंने ने कहा कि राजद ने तेजस्वी के नेतृत्व में 2020 विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है वह उनका व्यक्तिगत फैसला है इसे महागठबंधन की राय नहीं मानी जा सकती है.
प्रस्ताव पर एकमत नहीं घटक दल
आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है. जिसमें कहा गया है कि अगला बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. लेकिन प्रस्ताव को लेकर महागठबंधन के घटक दल एकमत नहीं हैं. जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि हम चुनाव हारे हैं. इसकी समीक्षा करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए.
बुधवार को हुई थी महागठबंधन की समीक्षा बैठक
बता दें कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पटना महागठबंधन के नेताओं ने बुधवार को समीक्षा बैठक की थी. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, वीआईपी नेता मुकेश सहनी, रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा और हम के नेता संतोष मांझी ने साझा समीक्षा बैठक कर हार के कारणों पर चर्चा की. इस समीक्षा बैठक में कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया.
हार से हम हताश नहीं - तेजस्वी
समीक्षा बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार जनता भ्रम में आ गई. चुनाव परिणाम से हम लोग हताश नहीं है. महागठबंधन दल 2020 में मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार के चुनाव में मुद्दे गायब रहे हैं और मात्र एजेंडे की चर्चा होती रही.